नई दिल्ली। भारतीय सेना के लिए एक ऐतिहासिक क्षण में, अमेरिका निर्मित एएच-64ई अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों का पहला बैच भारत पहुंच गया है। लगभग 15 महीनों की देरी के बाद, इन अत्याधुनिक हेलीकॉप्टरों की पहली खेप ने भारतीय धरती पर कदम रखा है, जिससे सेना की आक्रामक क्षमताओं में भारी इज़ाफ़ा हुआ है। इन हेलीकॉप्टरों को पाकिस्तान सीमा के नज़दीक जोधपुर एयरबेस पर तैनात किया जाएगा, जो एक महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम है।
भारतीय सेना ने स्वयं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर इस खुशखबरी को साझा करते हुए इसे अपनी लड़ाकू क्षमता में एक महत्वपूर्ण वृद्धि बताया। सेना ने अपनी पोस्ट में लिखा, “भारतीय सेना में शामिल हुए अपाचे। यह सेना के लिए ऐतिहासिक पल है। अपाचे हेलीकॉप्टर का पहला बैच भारत पहुंच चुका है। इससे भारतीय सेना की ऑपरेशनल क्षमताओं में इजाफा होगा।”
क्यों खास है अपाचे?
एएच-64ई अपाचे को दुनिया के सबसे उन्नत और घातक लड़ाकू हेलीकॉप्टरों में से एक माना जाता है। इसे ‘उड़ने वाला टैंक’ भी कहा जाता है क्योंकि यह दुश्मन के इलाके में घुसकर टैंक, बख्तरबंद वाहनों और दुश्मन के ठिकानों को सटीकता से नष्ट करने की क्षमता रखता है। यह हेलीकॉप्टर हेलफायर मिसाइलों, स्टिंगर मिसाइलों, हाइड्रा रॉकेटों और एक 30 मिमी चेन गन से लैस है, जो इसे बेहद खतरनाक बनाता है। इसके अलावा, इसमें लगे उन्नत सेंसर और रडार इसे दिन और रात, दोनों समय और किसी भी मौसम में दुश्मन पर कहर बरपाने में सक्षम बनाते हैं।
देरी के बाद हुई डिलीवरी
भारत ने भारतीय सेना के लिए इन हेलीकॉप्टरों का सौदा 2020 में अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी बोइंग के साथ किया था। इस सौदे के तहत कुल छह अपाचे हेलीकॉप्टरों का ऑर्डर दिया गया था, जिनकी डिलीवरी पिछले साल ही होनी थी। हालांकि, कुछ कारणों से इसमें लगभग 15 महीने की देरी हुई। अब पहली खेप में तीन अपाचे हेलीकॉप्टर भारत पहुंचे हैं और बाकी तीन हेलीकॉप्टरों के भी जल्द आने की उम्मीद है।
सेना और वायु सेना की संयुक्त शक्ति
उल्लेखनीय है कि भारतीय वायु सेना के पास पहले से ही 22 अपाचे हेलीकॉप्टरों का एक बेड़ा है, जो पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं पर तैनात हैं। अब सेना के लिए आए इन तीन हेलीकॉप्टरों के साथ भारत में अपाचे की कुल संख्या 25 हो गई है। जब सेना को अपने सभी छह हेलीकॉप्टर मिल जाएंगे, तो भारत के पास कुल 28 अपाचे हेलीकॉप्टर होंगे। सेना के अपाचे हेलीकॉप्टर मुख्य रूप से थल सेना के स्ट्राइक कोर को हवाई कवर और दुश्मन के टैंकों से मुकाबला करने में मदद करेंगे।
कुल मिलाकर, अपाचे हेलीकॉप्टरों के इस पहले बैच का आगमन भारतीय सेना के आधुनिकीकरण और उसकी युद्धक क्षमता को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो सीमाओं पर देश की सुरक्षा को और मजबूत करेगा।
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