धर्मशाला/शिमला। धर्मशाला के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मैक्लोडगंज के ऑटो ऑपरेटर यूनियन ने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात कर क्षेत्र में ई-रिक्शा की जगह पेट्रोल ऑटो चलाने की अनुमति देने की मांग की है। यूनियन का तर्क है कि ई-रिक्शा मैक्लोडगंज की खड़ी चढ़ाइयों पर चलने में व्यावहारिक नहीं हैं, जिससे यात्रियों और चालकों दोनों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बुधवार शाम को यूनियन के एक प्रतिनिधिमंडल ने उप मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया के नेतृत्व में मुख्यमंत्री से भेंट की। श्री पठानिया ने मुख्यमंत्री को ऑटो चालकों की समस्याओं और उनकी एकमात्र मांग के समाधान के लिए पुरजोर सिफारिश की।
उप मुख्य सचेतक ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि राज्य सरकार द्वारा मैक्लोडगंज और आसपास के क्षेत्रों में ई-रिक्शा का संचालन अनिवार्य कर दिया गया था। हालांकि, यह फैसला जमीनी हकीकत पर खरा नहीं उतर रहा है। उन्होंने बताया कि ई-रिक्शा विशेष रूप से धरमकोट, नड्डी, ऊपरी भग्गू, हैनी और रक्खड़ जैसे इलाकों की खड़ी ढलानों पर चढ़ने में असमर्थ हैं। वे अक्सर आधे रास्ते में ही रुक जाते हैं, जिससे न केवल यात्रियों को असुविधा होती है, बल्कि ऑटो चालकों के लिए भी यह एक बड़ी समस्या बन गया है।
केवल सिंह पठानिया ने मुख्यमंत्री से इस फैसले पर पुनर्विचार करने और पहले की तरह पेट्रोल ऑटो चलाने की अनुमति देने का अनुरोध किया, ताकि ऑटो चालकों की आजीविका भी चलती रहे और पर्यटकों व स्थानीय लोगों को भी सुविधा हो। प्रतिनिधिमंडल ने भी अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि यह निर्णय उनकी रोजी-रोटी पर संकट बनकर आया है, क्योंकि वे इन ई-रिक्शा से अपनी दैनिक आय भी नहीं निकाल पा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने उनकी समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुना और इस मामले में सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया। श्री पठानिया ने बताया कि मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को इस फैसले की तुरंत समीक्षा करने और क्षेत्र के ऑटो चालकों को राहत देने के लिए तत्काल उपाय करने के निर्देश दिए हैं।
इस निर्देश के बाद अब उम्मीद है कि परिवहन विभाग और स्थानीय प्रशासन जल्द ही इस समस्या का कोई स्थायी और व्यावहारिक हल निकालेंगे। इस फैसले से मैक्लोडगंज के सैकड़ों ऑटो चालकों को राहत मिलने की उम्मीद है, जो पिछले कुछ समय से इस नीति के कारण आर्थिक संकट का सामना कर रहे थे।