देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि अस्पताल केवल “रेफरल सेंटर” बनकर न रह जाएं और विभाग को “ओनरशिप” लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए काम करना होगा। इसके साथ ही, उन्होंने आयुष विभाग को राज्य में वेलनेस टूरिज्म को बढ़ावा देने और दो ‘स्पिरिचुअल जोन’ बनाने की अपनी घोषणा पर तेजी से काम करने का भी निर्देश दिया।
गुरुवार को सचिवालय में स्वास्थ्य और आयुष विभागों की अलग-अलग समीक्षा बैठकों के दौरान मुख्यमंत्री ने ये निर्देश दिए। स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए उन्होंने अस्पतालों में आवश्यक संसाधनों को मजबूत करने और यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि मरीजों को इलाज के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटकना न पड़े। उन्होंने मुख्य सचिव को स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ एक अलग से बैठक करने और मुख्यमंत्री घोषणाओं की अद्यतन स्थिति से अवगत कराने का भी निर्देश दिया। बैठक में बताया गया कि टेलीमेडिसिन के माध्यम से दूरस्थ क्षेत्रों को मेडिकल कॉलेजों के सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों से जोड़ने की व्यवस्था की जा रही है।
आयुष और वेलनेस पर विशेष जोर
आयुष विभाग की बैठक में मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की योग, वेलनेस और आयुष की समृद्ध विरासत को बढ़ावा देने पर बल दिया। उन्होंने राज्य में दो ‘स्पिरिचुअल जोन’ बनाने की अपनी घोषणा के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा, “राज्य में हेल्थ और वेलनेस के अच्छे केंद्र बनाने की दिशा में तेजी से कार्य किए जाएं और इसके लिए हर साल का लक्ष्य बनाकर काम हो।” उन्होंने पुराने हेल्थ और वेलनेस सेंटरों के उन्नयन के साथ-साथ जीएमवीएन, केएमवीएन और वाइब्रेंट विलेज में भी वेलनेस सेंटर खोलने की संभावनाएं तलाशने को कहा।
निवेश और प्रगति
बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि राज्य में निवेशक सम्मेलन के बाद आयुष के क्षेत्र में 1100 करोड़ रुपये का निवेश धरातल पर उतरना शुरू हो गया है। इसके अलावा, प्रदेश में 300 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएच) के मानकों के अनुरूप उच्चीकृत किया जा रहा है, जिनमें से 149 का प्रमाणीकरण कार्य पूरा हो चुका है। नई योग नीति के तहत एक योग निदेशालय की स्थापना की जाएगी और योग केंद्रों का पंजीकरण कर उन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा।
इन बैठकों में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद श्री विश्वास डाबर, मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, सचिव श्री आर राजेश कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। इन निर्देशों से साफ है कि सरकार एक ओर जहां आम नागरिकों के लिए बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना चाहती है, वहीं दूसरी ओर राज्य को वेलनेस और आयुष टूरिज्म के एक वैश्विक केंद्र के रूप में भी स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है।