Uttarakhand: भ्रष्टाचार पर CM धामी का सख्त रुख, विजिलेंस को खुली छूट, गिरफ्तारियां 5 गुना बढ़ीं

देहरादून। उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘जीरो टॉलरेंस’ की अपनी नीति को जमीन पर उतारते हुए सतर्कता (विजिलेंस) विभाग को भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पूरी तरह से खुली छूट दे दी है। इसका सीधा असर विजिलेंस द्वारा की गई गिरफ्तारियों और सजा की दर में भारी उछाल के रूप में साफ नजर आ रहा है। जहां साल 2021 में भ्रष्टाचार के मामलों में केवल 7 गिरफ्तारियां हुई थीं, वहीं 2024 में यह आंकड़ा 5 गुना से भी ज्यादा बढ़कर 38 तक पहुंच गया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य का पदभार संभालते ही भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने कड़े इरादे जाहिर कर दिए थे। अब इसके परिणाम आंकड़ों में भी दिख रहे हैं। बीते साढ़े चार सालों के आंकड़ों पर गौर करें तो विजिलेंस ने कुल 82 ट्रैप लगाकर 94 गिरफ्तारियों को अंजाम दिया है, जिसमें 13 राजपत्रित अधिकारी भी शामिल हैं। यह दर्शाता है कि कार्रवाई की जद में छोटे-बड़े सभी अधिकारी आ रहे हैं।

सिर्फ गिरफ्तारी नहीं, सजा दिलाने पर भी जोर

विजिलेंस की कार्रवाई केवल गिरफ्तारी तक ही सीमित नहीं है। मजबूत साक्ष्यों और प्रभावी कानूनी पैरवी के दम पर विभाग पिछले साढ़े चार सालों में 71 प्रतिशत मामलों में आरोपियों को अदालत से सजा दिलाने में भी कामयाब रहा है। यह उच्च सजा दर भ्रष्टाचारियों के मन में कानून का डर पैदा करने और यह संदेश देने के लिए काफी है कि भ्रष्टाचार करके बच निकलना अब आसान नहीं होगा।

बड़े-बड़ों पर गिरी गाज

इस अभियान के दौरान विजिलेंस ने कई बड़े पदों पर बैठे अधिकारियों को भी सलाखों के पीछे पहुंचाया है। इनमें लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता से लेकर, रोडवेज के सहायक महाप्रबंधक (AGM), हरिद्वार के खंड शिक्षा अधिकारी, जीएसटी के सहायक आयुक्त और रुद्रपुर में तैनात जिला आबकारी अधिकारी जैसे कई बड़े अधिकारी शामिल हैं, जिन्हें रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया।

शिकायत और कार्रवाई के लिए पुख्ता व्यवस्था

मुख्यमंत्री के निर्देश पर भ्रष्टाचार पर जड़ से प्रहार करने के लिए एक पूरी व्यवस्था बनाई जा रही है। सतर्कता विभाग ने आम जनता के लिए शिकायत दर्ज कराने हेतु एक टोल-फ्री नंबर 1064 भी जारी किया है, ताकि कोई भी नागरिक आसानी से भ्रष्टाचार की सूचना दे सके। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को यह सख्त निर्देश दिए हैं कि ट्रैप के मामलों में अंतिम फैसला आने तक किसी भी आरोपी को कोई अहम जिम्मेदारी या पुराना पद न दिया जाए और उनके अभियोजन की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए।

इस अभियान पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “हम देवभूमि उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त करते हुए, सुशासन की कार्य संस्कृति विकसित करना चाहते हैं। इसी क्रम में मुख्य सेवक के रूप में कार्यभार संभालने के दिन से ही विजिलेंस को भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान छेड़ने के निर्देश दिए, जिसका असर अब नजर आ रहा है। भ्रष्टाचारियों को अंतिम अदालत से सजा दिलाए जाने के लिए भी मजबूत पैरवी की जा रही है।”

 

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