Bollywood:  पद्म भूषण से सम्मानित दिग्गज अभिनेत्री बी सरोजा देवी का निधन, 7 दशकों तक सिनेमा पर किया राज

नई दिल्ली। भारतीय सिनेमा जगत से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है। दक्षिण भारत की महान और प्रतिष्ठित अभिनेत्री बी. सरोजा देवी का 87 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। उनके निधन की खबर से पूरे मनोरंजन जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। लगभग सात दशकों तक अपने अभिनय से दर्शकों के दिलों पर राज करने वालीं सरोजा देवी के जाने से भारतीय सिनेमा के एक स्वर्ण युग का अंत हो गया है।

बढ़ती उम्र बनी निधन का कारण

जानकारी के अनुसार, बी. सरोजा देवी का पूरा नाम भैरप्पा सरोजा देवी था। वह पिछले कुछ समय से बढ़ती उम्र से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही थीं और इसी के चलते उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली। उनके निधन ने न केवल दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग, बल्कि पूरे देश के कला प्रेमियों को स्तब्ध कर दिया है। सोशल मीडिया पर प्रशंसक और फिल्मी हस्तियां उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रही हैं।

एक शानदार फिल्मी सफर

बी. सरोजा देवी का करियर भारतीय सिनेमा के इतिहास में मील का पत्थर है। उन्होंने बहुत ही कम उम्र में अभिनय की दुनिया में कदम रखा था। साल 1955 में, मात्र 17 साल की उम्र में, उन्होंने कन्नड़ फिल्म ‘महाकवि कालिदास’ से अपने करियर का शानदार आगाज किया। यह फिल्म एक बड़ी सफलता थी और इसने सरोजा देवी के लिए शोहरत के दरवाजे खोल दिए। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

अपने 70 साल के लंबे और गौरवशाली करियर में उन्होंने तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और हिंदी सहित विभिन्न भाषाओं की 200 से अधिक फिल्मों में काम किया। उन्होंने अपने समय के लगभग सभी बड़े अभिनेताओं के साथ स्क्रीन साझा की और अपनी दमदार अदाकारी से एक अमिट छाप छोड़ी।

हिंदी सिनेमा में भी बिखेरी चमक

सरोजा देवी का अभिनय सिर्फ दक्षिण भारत तक ही सीमित नहीं रहा। उन्होंने हिंदी फिल्म उद्योग में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। उन्हें आज भी बॉलीवुड के ट्रेजेडी किंग, दिलीप कुमार के साथ फिल्म ‘पैगाम’ में उनकी भूमिका के लिए याद किया जाता है। इसके अलावा, उन्होंने ‘प्यार किया तो डरना क्या’, ‘बेटी बेटे’ और ‘ससुराल’ जैसी सफल हिंदी फिल्मों में भी काम किया।

अभूतपूर्व रिकॉर्ड और सम्मान

बी. सरोजा देवी के नाम एक ऐसा रिकॉर्ड भी दर्ज है, जो उनकी लोकप्रियता और काम के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है। उन्होंने 1955 से लेकर 1984 तक, यानी लगातार 29 वर्षों तक, 161 फिल्मों में मुख्य अभिनेत्री (लीड एक्ट्रेस) के तौर पर काम किया। भारतीय सिनेमा में उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक, पद्म भूषण और पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया था। उनका निधन भारतीय सिनेमा के लिए एक अपूरणीय क्षति है, लेकिन अपनी फिल्मों के माध्यम से वह हमेशा दर्शकों के दिलों में जीवित रहेंगी।

 

Pls read:Bollywood: गुरु दत्त की जन्मशती- दादा की विरासत को आगे बढ़ा रहीं पोतियां, बोलीं- ‘उनकी फिल्मों का रीमेक न बने’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *