चंडीगढ़। पंजाब में बागवानी क्षेत्र को मजबूत करने और प्रशासनिक सुधारों को गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने ‘पंजाब बागवानी (ग्रुप ए) सेवा नियम, 2015’ में संशोधन करते हुए एक राजपत्र अधिसूचना जारी की है। इस सुधार का नेतृत्व बागवानी मंत्री श्री मोहिंदर भगत ने किया है, जो लंबे समय से बागवानी क्षेत्र में काम कर रहे अधिकारियों के लिए बेहतर सेवा शर्तों की वकालत कर रहे थे।
मंत्री ने बताया ‘अधिकारियों के उत्थान का कदम’
अधिसूचना की सराहना करते हुए, बागवानी मंत्री मोहिंदर भगत ने कहा, “यह संशोधन हमारे समर्पित अधिकारियों के उत्थान के उद्देश्य से किया गया एक बड़ा सुधार है। मैं इस कदम को लागू करने में उनके समर्थन के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का आभारी हूं। यह बागवानी क्षेत्र में बेहतर प्रेरणा, निष्पक्षता और सेवा वितरण सुनिश्चित करेगा।”
उन्होंने बताया कि 2 जुलाई, 2025 को जारी और 4 जुलाई, 2025 को पंजाब सरकार के राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार, बागवानी विकास अधिकारियों और रेशम उत्पादन अधिकारियों के वेतनमान को युक्तिसंगत बनाने के लिए नियमों में संशोधन किया गया है। यह लंबे समय से प्रतीक्षित संरचनात्मक सुधार सेवा मामलों में एकरूपता और स्पष्टता लाएगा, विशेष रूप से 7वें केंद्रीय वेतन आयोग के तहत वेतन स्तरों की प्रयोज्यता के संबंध में।
इन क्षेत्रों के अधिकारियों को मिलेगा लाभ
यह संशोधन बागवानी काडर के भीतर कई विशेषज्ञताओं को कवर करता है, जिनमें संरक्षित खेती (Protected Cultivation), जैव प्रौद्योगिकी (Biotechnology), मधुमक्खी पालन, विपणन, एरोपोनिक्स, नर्सरी उत्पादन, साइट्रस उत्पादन, कटाई के बाद प्रबंधन, मशरूम, कीट विज्ञान, पैथोलॉजी, मृदा और रेशम उत्पादन शामिल हैं। इन बदलावों से 17 जुलाई, 2020 को या उसके बाद भर्ती हुए अधिकारियों के बीच समानता आएगी।
फसल विविधीकरण के लिए मजबूत काडर जरूरी
मंत्री मोहिंदर भगत ने आगे कहा कि पंजाब बागवानी के माध्यम से फसल विविधीकरण और मूल्य वर्धन (value addition) की ओर तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा, “किसानों का समर्थन करने और प्रणाली में नवाचार लाने के लिए एक मजबूत काडर आवश्यक है।”
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा जारी यह अधिसूचना पदोन्नति और वेतनमान की प्रयोज्यता के लिए दिशा-निर्देश भी निर्धारित करती है, जिससे सेवा शर्तों में दीर्घकालिक स्पष्टता और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। यह सुधार न केवल अधिकारियों के मनोबल को बढ़ाएगा, बल्कि राज्य में बागवानी को एक आकर्षक और लाभदायक क्षेत्र बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।