Himachal: हिमाचल में सियासी घमासान बढ़ा: BJP विधायक सुधीर शर्मा ने शिमला SP पर ठोका मानहानि का केस, खरीद-फरोख्त के आरोपों पर जताई आपत्ति

धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश में चल रहा राजनीतिक घमासान अब कानूनी लड़ाई में तब्दील हो गया है। धर्मशाला से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक सुधीर शर्मा ने शिमला के पुलिस अधीक्षक (SP) संजीव गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराने के लिए धर्मशाला की एक अदालत में अर्जी दी है। यह मामला कांग्रेस के छह बागी विधायकों के भाजपा में शामिल होने की प्रक्रिया से जुड़ा है, जिसको लेकर एसपी द्वारा की गई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में लगाए गए आरोपों पर सुधीर शर्मा ने कड़ी आपत्ति जताई है।

शुक्रवार को सुधीर शर्मा ने व्यक्तिगत रूप से धर्मशाला न्यायालय पहुंचकर अपने अधिवक्ता के माध्यम से भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNS-SS) 2023 की धारा 222 के तहत एक निजी आपराधिक शिकायत दर्ज कराई। इस शिकायत में उन्होंने एसपी संजीव गांधी के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 356(1) के तहत मानहानि का मुकदमा चलाने और धारा 356(2) के अंतर्गत दंडित करने की मांग की है।

क्या हैं एसपी पर आरोप?

शिकायत में सुधीर शर्मा ने कहा है कि वह हिमाचल प्रदेश विधानसभा में पांच बार निर्वाचित सदस्य रहे हैं और उनकी एक सार्वजनिक प्रतिष्ठा है। उन्होंने आरोप लगाया कि 23 मई को शिमला के पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्य करते हुए संजीव गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की थी, जिसमें उन्होंने शर्मा पर गंभीर और निराधार आरोप लगाए।

शिकायत के अनुसार, एसपी गांधी ने आरोप लगाया कि:

  1. मार्च 2024 में कांग्रेस के छह विधायकों के भाजपा में शामिल होने की पूरी प्रक्रिया और साजिश के पीछे सुधीर शर्मा का हाथ था।

  2. सुधीर शर्मा ने इन विधायकों को अपने व्यक्तिगत राजनीतिक लाभ के लिए रिश्वत दी थी।

  3. सुधीर शर्मा ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय की कार्यवाही की लाइव-स्ट्रीम फुटेज को प्रसारित किया, जिसमें उन्होंने अदालत के प्रति नाराजगी व्यक्त की थी।

“प्रतिष्ठा को पहुंचाया नुकसान”

सुधीर शर्मा ने अपनी शिकायत में कहा है कि एसपी द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान लगाए गए ये सभी आरोप “पूरी तरह से निराधार, लापरवाह और मानहानिकारक” हैं। उन्होंने कहा कि एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी द्वारा इस तरह के गैर-जिम्मेदाराना बयान दिए जाने से उनकी सार्वजनिक प्रतिष्ठा और एक निर्वाचित विधायक के रूप में उनके सम्मान को काफी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि एसपी का यह कृत्य उनकी छवि को धूमिल करने के इरादे से किया गया था।

यह कानूनी कदम हिमाचल प्रदेश की राजनीति में एक नया मोड़ ले आया है, जहां एक मौजूदा विधायक ने एक सेवारत वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के खिलाफ सीधे अदालत का दरवाजा खटखटाया है। इस मामले ने राज्य में पहले से ही व्याप्त राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया है। अब अदालत इस अर्जी पर सुनवाई करेगी और यह तय करेगी कि एसपी संजीव गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त आधार हैं या नहीं।

 

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