नई दिल्ली। अमरनाथ यात्रा में तैनाती के लिए त्रिपुरा से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों को ले जाने के लिए जर्जर और गंदी ट्रेन उपलब्ध कराने के मामले में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। साथ ही, इस मामले की जाँच के भी आदेश दिए गए हैं।
रेल मंत्रालय के अनुसार, वैष्णव ने कहा कि सुरक्षा बलों की गरिमा सर्वोपरि है और इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह कार्रवाई पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे जोन द्वारा सोशल मीडिया पर लगाए गए आरोपों को खारिज करने के एक दिन बाद हुई है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए ट्रेन के वीडियो में डिब्बों की खराब हालत देखकर लोगों ने रेलवे की कड़ी आलोचना की थी।
बीएसएफ की 13 कंपनियों के लगभग 1,200 जवानों को 6 जून को त्रिपुरा के उदयपुर से जम्मू तवी के लिए एक विशेष ट्रेन से जाना था। ट्रेन का रास्ते में कई जगहों पर ठहराव निर्धारित था। त्रिपुरा, असम और बंगाल में चार स्थानों से जवानों को ट्रेन में सवार होना था। अधिकारियों के अनुसार, ट्रेन 9 जून को बीएसएफ को उपलब्ध कराई गई।

ट्रेन की जर्जर और गंदी हालत देखकर जवानों ने एक डिब्बे का निरीक्षण करते हुए वीडियो बना लिया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद रेलवे को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। इसके बाद रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले का संज्ञान लिया और चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया। यह घटना सुरक्षा बलों के प्रति रेलवे की संवेदनहीनता को दर्शाती है। जवान देश की सुरक्षा में दिन-रात तैनात रहते हैं, ऐसे में उन्हें बुनियादी सुविधाएं भी मुहैया नहीं करा पाना शर्मनाक है। रेल मंत्री द्वारा की गई कार्रवाई स्वागत योग्य है, लेकिन यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।