11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित 150 साल से अधिक पुराने गरतांग गली लकड़ी के पुल को 59 साल बाद बुधवार को नवीनीकरण के बाद पर्यटकों के लिए फिर से खोल दिया गया है। उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने पर्यटकों और आम जनता से अपील की है कि इस महत्वपूर्ण स्थान को जाकर देखें और अनुभव करें वही सरकार ने कोरोना गाइडलाइन और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक बार में 10 ही लोगों को पुल पर भेजने का फैसला किया है। यह खूबसूरत सीढ़ीनुमा गरतांग गली उत्तरकाशी जिले की नेलांग घाटी चीन सीमा से लगी है। माना जाता है कि भारत और तिब्बत के लिए एक प्राचीन व्यापार मार्ग पर गरतांग गली पुल पेशावर पठानों द्वारा बनाया गया था। साल 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद इस लकड़ी के सीढ़ीनुमा पुल को बंद कर दिया गया था। अब लगभग 59 सालों बाद वह दोबारा पर्यटकों के लिए खोला गया है। गरतांग गली में खड़ी चट्टानों को काटकर लकड़ी से निर्मित सीढ़ीदार ट्रैक बनाया गया है।