Himachal: हिमाचल में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा, कच्ची हल्दी पर 90 रुपये प्रति किलो समर्थन मूल्य

शिमला: हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार कई कदम उठा रही है। प्राकृतिक खेती से उगाए गए उत्पादों की बिक्री के लिए 10 मंडियों में विशेष स्थान निर्धारित किए जाएंगे और वहां आधारभूत ढांचे का निर्माण किया जाएगा। इस पर काम शुरू हो गया है। इस वित्त वर्ष से सरकार प्राकृतिक खेती से उगाई गई कच्ची हल्दी पर 90 रुपये प्रति किलो समर्थन मूल्य दे रही है। इस हल्दी को प्रसंस्कृत कर ‘हिमाचल हल्दी’ के नाम से बाजार में उतारा जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रविवार को एक बयान में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि किसानों में रसायन मुक्त खेती की ओर रुझान बढ़ रहा है।

कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए नई योजनाएं

कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए सरकार नई योजनाएं ला रही है और योजनाओं का लाभ जमीनी स्तर पर जल्द पहुंचे, इस पर ध्यान दिया जा रहा है। सरकार अब तक 1509 किसानों से लगभग 400 मीट्रिक टन मक्का 40 रुपये प्रति किलो के समर्थन मूल्य पर खरीद चुकी है। गेहूं पर भी 60 रुपये प्रति किलोग्राम समर्थन मूल्य दिया जा रहा है और इसकी खरीद जारी है। सरकार ने चरणबद्ध तरीके से प्राकृतिक खेती से उगाई गई कच्ची हल्दी पर भी न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का फैसला किया है।

9.61 लाख किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने का लक्ष्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश की 99.3 प्रतिशत पंचायतों में प्राकृतिक खेती हो रही है और 2.23 लाख किसान-बागवान इसे अपना चुके हैं। राज्य सरकार ने 9.61 लाख किसानों को चरणबद्ध तरीके से प्राकृतिक खेती से जोड़ने का लक्ष्य रखा है। वित्त वर्ष 2023-24 और 2024-25 में ‘प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना’ के तहत 27.60 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इस वित्त वर्ष के लिए 7.28 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

गाय की खरीद पर 25,000 रुपये अनुदान

प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को गोशाला का फर्श पक्का करने और गोमूत्र के लिए गड्ढा बनाने के लिए 8 हजार रुपये दिए जा रहे हैं। भारतीय नस्ल की गाय खरीदने पर 50 प्रतिशत या अधिकतम 25,000 रुपये अनुदान दिया जा रहा है। गाय के परिवहन के लिए 5 हजार रुपये की अतिरिक्त राशि भी दी जा रही है।

 

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