हरक सिंह रावत, उमेश शर्मा काऊ कुँवर प्रणव सिंह चैंपियन को लेकर जो कयास उठ रहे हैं उससे भाजपा में खांसी चिंताओं के बादल दिखाई दे रहे हैं हरीश रावत और हरक सिंह रावत के बीच मीठी मीठी बातें हो रही हैं भाई भाई कहकर संबोधन हो रहा है ऐसे में बीजेपी को लगने लगा है कि यह बड़े नेता तो अब बीजेपी के दामन से फुर्र हो सकते है इसलिए अब बीजेपी आलाकमान एक्टिव हो गया है चर्चा है कि नवंबर में हरक सिंह रावत एंड टीम कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं उससे पहले ही बीजेपी डैमेज कंट्रोल में जुट गई है
अब बीजेपी ने कांग्रेस बागियों के उसी वरिष्ठ नेता को हरक सिंह रावत और तमाम बागियों को मनाने में लगा दिया है जिनके नेतृत्व में सब ने बगावत की थी। बगावत करने वाले नेताओं के मुखिया थे विजय बहुगुणा। विजय बहुगुणा आज ही हरक सिंह रावत और उमेश शर्मा काऊ से मिलेंगे और उन्हें बीजेपी में ही रहने की सलाह के साथ पार्टी आलाकमान से भी बात करा सकते हैं माना जा रहा है कि बीजेपी हरक सिंह रावत और उमेश शर्मा काऊ के दबाव में आती दिखाई दे रही है
सूत्र बताते हैं हरक सिंह रावत उमेश शर्मा काऊ कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन जैसे नेता किसी भी तरह से पार्टी के हाथ से ना फैसले इसके लिए पार्टी इन नेताओं की हर मांग मानने को तैयार हो सकती है उसके लिए ऑफर भी तैयार कर दिए गए हैं अब फैसला हरक सिंह रावत उमेश शर्मा काऊ को लेना है कि वह विजय बहुगुणा की बात मानेंगे या नहीं या फिर पुराने दुश्मन और नए दोस्त हरीश रावत का थाम लेंगे।