देहरादून: बढ़ते वित्तीय भार के कारण उत्तराखंड सरकार ने प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के तहत दी जाने वाली राज्य स्तरीय सब्सिडी को बंद कर दिया है। यह निर्णय 1 अप्रैल 2024 से लागू हो गया है। इस कदम से देहरादून, हरिद्वार, ऊधम सिंह नगर और नैनीताल जैसे मैदानी जिलों में, जहाँ योजना के तहत सोलर रूफटॉप लगाने में लोगों की अच्छी भागीदारी देखी जा रही थी, चिंता बढ़ सकती है। पर्वतीय जिलों में इस योजना के प्रति रुचि पहले से ही कम रही है।
31 मार्च 2024 तक, राज्य सरकार केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की जा रही सब्सिडी के अलावा अतिरिक्त सब्सिडी भी दे रही थी। केंद्र सरकार 3 किलोवाट तक के सोलर प्लांट के लिए 85,800 रुपये की सब्सिडी देती है, जबकि राज्य सरकार 51,000 रुपये (17,000 रुपये प्रति किलोवाट) की अतिरिक्त सब्सिडी प्रदान कर रही थी।
पीएम सूर्यघर योजना का लक्ष्य देशभर में एक करोड़ घरों पर सोलर रूफटॉप लगाना है। उत्तराखंड को तीन साल में 40,000 सोलर रूफटॉप लगाने का लक्ष्य दिया गया है। अब तक राज्य में 55,236 आवेदन प्राप्त हुए हैं और 23,251 सोलर प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं। 16,543 लाभार्थियों को सब्सिडी का लाभ मिल चुका है, जिसमें केंद्र सरकार की ओर से 138 करोड़ रुपये और राज्य सरकार की ओर से 75 करोड़ रुपये की सब्सिडी शामिल है।
राज्य सरकार पर सब्सिडी के बढ़ते बोझ को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। अब यह योजना केवल केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की जा रही सब्सिडी के साथ ही आगे बढ़ेगी। देहरादून जिले में इस योजना के तहत सबसे ज्यादा 5500 से अधिक लाभार्थी हैं, इसके बाद नैनीताल, ऊधम सिंह नगर और हरिद्वार का स्थान है। राज्य की सब्सिडी बंद होने से योजना की प्रगति पर प्रभाव पड़ने की आशंका है, जिससे ऊर्जा निगम और उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (उरेडा) चिंतित हैं।
Pls read:Uttarakhand: मुख्यमंत्री धामी ने हेमवती नंदन बहुगुणा को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की