देहरादून: उत्तराखंड सरकार आय संसाधन बढ़ाने पर ज़ोर दे रही है, लेकिन वन, ऊर्जा और सिंचाई विभागों से अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पा रहा है. वन उत्पादों से आय में अपेक्षित वृद्धि नहीं हो रही है, जबकि ऊर्जा विभाग का कर और करेत्तर राजस्व में योगदान भी अपेक्षा के अनुरूप नहीं है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन विभागों से आय बढ़ाने की कार्ययोजना मांगी है.
कर राजस्व में वृद्धि:
वित्त वर्ष 2024-25 में कर राजस्व बढ़कर 20,680 करोड़ रुपये हो गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 7% अधिक है. इसमें SGST से 9256 करोड़, स्टांप एवं पंजीकरण शुल्क से 2635 करोड़, आबकारी से 4310 करोड़ और खनन से 1035 करोड़ रुपये की आय हुई है. खनन से होने वाली आय में लक्ष्य से अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है.
वन, ऊर्जा और सिंचाई विभागों का प्रदर्शन चिंताजनक:
कुछ विभागों के प्रदर्शन में सुधार हुआ है और उन्होंने वार्षिक लक्ष्य प्राप्त कर लिए हैं या उसके करीब पहुँच गए हैं. हालांकि, वन, ऊर्जा और सिंचाई विभाग लक्ष्य से काफी पीछे चल रहे हैं. वन विभाग के पास पर्याप्त संसाधन होने के बावजूद उनका बेहतर उपयोग नहीं हो पा रहा है.
वन विभाग लक्ष्य से 136 करोड़ पीछे:
वन विभाग का राजस्व लक्ष्य 710 करोड़ रुपये था, लेकिन प्राप्ति केवल 574 करोड़ रुपये हुई. ऊर्जा विभाग का कर राजस्व लक्ष्य 550 करोड़ रुपये था, जिसमें से 365 करोड़ रुपये ही प्राप्त हुए. करेत्तर राजस्व का लक्ष्य 751 करोड़ रुपये था, लेकिन प्राप्ति 200 करोड़ रुपये से भी कम रही.
मुख्यमंत्री धामी ने वन, ऊर्जा और जलकर से राजस्व बढ़ाने के लिए नियमित समीक्षा के निर्देश दिए हैं. वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि इन विभागों से कार्ययोजना मांगी गई है.
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