चंडीगढ़, 10 अप्रैल, 2025: पंजाब की सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक मामलों की कैबिनेट मंत्री, डॉ. बलजीत कौर ने देहरादून में आयोजित राष्ट्रीय चिंतन शिविर में पंजाब का प्रतिनिधित्व किया। इस शिविर का आयोजन भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा किया गया था। डॉ. कौर ने अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों के कल्याण से जुड़े मुद्दों को उठाया और केंद्र सरकार के समक्ष पंजाब की मांगों को प्रस्तुत किया।
डॉ. कौर ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे मंच राज्यों को कल्याणकारी योजनाओं को लागू करते समय आने वाली चुनौतियों और नीतिगत बाधाओं को साझा करने का अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार समाज के वंचित और कमजोर वर्गों के समावेशी विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि देश में सबसे अधिक अनुसूचित जाति जनसंख्या वाला राज्य होने के नाते, केंद्र और राज्य द्वारा संचालित योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करना पंजाब की नैतिक जिम्मेदारी है।
चिंतन शिविर में पंजाब द्वारा उठाए गए प्रमुख मुद्दे:
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छात्रवृत्ति योजनाओं में सुधार की मांग: डॉ. कौर ने छात्रवृत्ति के लिए ₹2.5 लाख की वर्तमान आय सीमा को बढ़ाने की मांग की। उन्होंने केंद्र द्वारा निधियों के वितरण में देरी का मुद्दा भी उठाया और 2017 से 2020 तक के लंबित धन को जल्द से जल्द जारी करने की अपील की। उन्होंने अन्य पिछड़ा वर्ग, आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग और विमुक्त जनजातियों के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति राशि बढ़ाने की भी मांग की।
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आदर्श ग्राम योजना के तहत समय पर धन जारी करने की मांग: उन्होंने बताया कि पंजाब ने आदर्श ग्राम योजना के तहत 3,293 गांवों की पहचान की है, जिसके लिए ₹684 करोड़ स्वीकृत हुए थे, लेकिन अब तक केवल ₹101 करोड़ ही जारी किए गए हैं। उन्होंने शेष राशि जल्द जारी करने और प्रति गांव अनुदान ₹20 लाख से बढ़ाकर ₹1 करोड़ करने का आग्रह किया।
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आवास योजनाओं में पारदर्शिता और निगरानी: डॉ. कौर ने आवास योजना में लाभार्थी चयन में पंचायत स्तर पर पारदर्शिता की कमी पर चिंता जताई और पात्र लाभार्थियों की पहचान और योजना की निगरानी की जिम्मेदारी सामाजिक न्याय विभाग को देने की मांग की।
पंजाब की अपनी योजनाएं:
डॉ. कौर ने पंजाब सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं पर प्रकाश डाला, जैसे “आशीर्वाद योजना” जिसके तहत अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवारों की बेटियों की शादी के लिए ₹51,000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार ने अनुसूचित जाति के लाभार्थियों के ₹70 करोड़ के ऋण माफ किए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि पंजाब विधानसभा की कार्यवाही के सीधे प्रसारण के लिए सांकेतिक भाषा व्याख्या शुरू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। उन्होंने “प्रोजेक्ट जीवन ज्योत” का भी उल्लेख किया, जिसके तहत 268 बाल भिखारियों को बचाया और पुनर्वासित किया गया है।
डॉ. कौर ने कहा कि यह चिंतन शिविर सहयोगी प्रगति और साझा दृष्टिकोण की दिशा में एक मार्ग प्रदान करता है। पंजाब सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि कल्याणकारी योजनाओं का लाभ हर जरूरतमंद व्यक्ति तक पहुंचे।
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