118 स्कूलों को अपग्रेड किया गया, 2 लाख से ज़्यादा बच्चों ने लिया दाखिला
चंडीगढ़: पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति लाने की कोशिश कर रही है. ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ योजना के तहत राज्य के 23 ज़िलों के 118 सरकारी स्कूलों को अपग्रेड किया गया है. इस योजना का मक़सद छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा और समग्र विकास के अवसर देकर सरकारी स्कूलों की कायापलट करना है. इसमें 9वीं से 12वीं कक्षा के छात्रों पर ख़ास ध्यान दिया जा रहा है.
आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं स्कूल:
इस योजना के तहत स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम, उन्नत प्रयोगशालाएँ और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए ज़रूरी सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं.
200 करोड़ का बजट:
इस परियोजना के लिए 200 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है. इसके ज़रिए छात्रों के बहुमुखी विकास पर ज़ोर दिया जा रहा है. इसके लिए पाँच मुख्य स्तंभ तय किए गए हैं:
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सामुदायिक भागीदारी
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खेल
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शिक्षा
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मानव संसाधन प्रबंधन
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अत्याधुनिक बुनियादी ढाँचा
सीएम मान ने जताया भरोसा:
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि यह योजना स्वतंत्रता सेनानियों की आकांक्षाओं को पूरा करने की दिशा में एक क़दम है. इससे पंजाब शिक्षा के क्षेत्र में एक मिसाल क़ायम करेगा. उन्होंने कहा कि यह योजना विद्यार्थियों में आत्मविश्वास पैदा कर रही है.
निजी स्कूलों से बेहतर ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’:
इस योजना का उद्देश्य सरकारी स्कूलों में लोगों का विश्वास बढ़ाना और शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाना है. ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ में आधुनिक सुविधाएँ और शिक्षा की गुणवत्ता निजी स्कूलों से बेहतर है. इसीलिए कई छात्र निजी स्कूलों से सरकारी स्कूलों में दाखिला ले रहे हैं. इस साल 2 लाख से ज़्यादा बच्चों ने ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ में दाखिला लिया है, जबकि 10,000 से ज़्यादा छात्र निजी स्कूलों से सरकारी स्कूलों में आए हैं.
खेल के मैदान, स्विमिंग पूल और प्रयोगशालाएँ:
‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ में खेल के मैदान, स्विमिंग पूल और अत्याधुनिक प्रयोगशालाएँ मौजूद हैं. लुधियाना के इंदिरापुरी स्थित सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल राज्य का पहला ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ है, जहाँ स्मार्ट क्लासरूम और स्विमिंग पूल की सुविधा उपलब्ध है.
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी:
इन स्कूलों में 9वीं से 12वीं तक के छात्रों को JEE, NEET और सिविल सेवा जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की मुफ़्त कोचिंग दी जाती है.
प्रवेश प्रक्रिया:
‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ में प्रवेश खुली और न्यायसंगत प्रक्रिया के ज़रिए होता है. हर स्कूल में 75% सीटें सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के छात्रों के लिए रक्षित हैं, जबकि 25% सीटें निजी स्कूलों के छात्रों के लिए हैं.