- आज़ादी के बाद पंजाब में अपनी तरह की पहली परियोजना, किसानों को मिलेगी राहत
चंडीगढ़: पंजाब की भगवंत मान सरकार राज्य में जल संकट से निपटने और सिंचाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए ‘मालवा नहर परियोजना’ शुरू कर रही है. यह परियोजना देश की आज़ादी के बाद पंजाब में अपनी तरह की पहली परियोजना है. इसका उद्देश्य भूजल संरक्षण के साथ-साथ किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध कराना है.
मालवा नहर परियोजना के लाभ:
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मालवा क्षेत्र में जल आपूर्ति में सुधार.
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किसानों को सिंचाई की बेहतर सुविधा.
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सतलुज और ब्यास नदियों के पानी का सही इस्तेमाल.
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मालवा क्षेत्र के सूखाग्रस्त इलाकों में फसल उत्पादन में वृद्धि.
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भूजल स्तर में सुधार.
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किसानों की आय और जीवन स्तर में सुधार.
किन ज़िलों को होगा फ़ायदा?

इस परियोजना से मोगा, फरीदकोट, मुक्तसर, मानसा, भटिंडा और संगरूर जैसे ज़िलों को फ़ायदा होगा.
परियोजना की लागत और विशेषताएँ:
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लागत: लगभग 2300 करोड़ रुपये
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लंबाई: लगभग 149.53 किलोमीटर
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चौड़ाई: 30 फीट
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गहराई: 12.5 फीट
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पानी की क्षमता: 2000 क्यूसेक
यह नहर हरिके बैराज से शुरू होकर मुक्तसर ज़िले तक जाएगी और करीब 250 गाँवों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराएगी.
भूजल की गुणवत्ता में होगा सुधार:
विशेषज्ञों के अनुसार, मालवा क्षेत्र में भूजल की गुणवत्ता ख़राब है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है. नहर के पानी के रिसाव से भूजल की गुणवत्ता में सुधार होगा. बठिंडा कृषि विज्ञान केंद्र के पूर्व एसोसिएट निदेशक जतिंदर सिंह बराड़ का कहना है कि अगर मालवा नहर कच्ची बनाई जाए, तो भूजल की गुणवत्ता को ज़्यादा फ़ायदा होगा.
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