शिमला: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति राज्य के अगले कैबिनेट मंत्री के चयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसकी वजह यह है कि जिस संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस अध्यक्ष होगा, उस क्षेत्र को मंत्री पद नहीं दिया जाएगा। वर्तमान में शिमला और हमीरपुर संसदीय क्षेत्रों से पहले ही कई मंत्री और मुख्यमंत्री/उपमुख्यमंत्री हैं, इसलिए नए मंत्री के लिए कांगड़ा और मंडी संसदीय क्षेत्रों पर विचार किया जा रहा है।
कांगड़ा या मंडी से होगा अगला मंत्री?
अगर कांग्रेस का अगला अध्यक्ष कांगड़ा से चुना जाता है, तो मंडी संसदीय क्षेत्र से कुल्लू के विधायक सुंदर सिंह ठाकुर मंत्री पद के प्रबल दावेदार बनेंगे। वहीं, अगर अध्यक्ष पद मंडी संसदीय क्षेत्र को जाता है, तो कांगड़ा से संजय रतन की दावेदारी मज़बूत होगी। चंबा जिले को भी मंत्री पद मिलने की संभावना है।
शिमला संसदीय क्षेत्र से मंत्रियों की संख्या घट सकती है:
शिमला संसदीय क्षेत्र से वर्तमान में पांच मंत्री हैं, जिसकी वजह से यहां से मंत्रियों की संख्या घटाने पर विचार हो रहा है। अगर कांग्रेस अध्यक्ष का पद शिमला के बजाय कांगड़ा को मिलता है, तो मंडी की मंत्री पद पर दावेदारी और मजबूत हो जाएगी।
प्रतिभा सिंह का कार्यकाल अप्रैल में पूरा होगा:
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह का कार्यकाल अप्रैल में पूरा हो रहा है। उनके दोबारा अध्यक्ष बनने पर अभी तक कोई स्पष्टता नहीं है। कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी रजनी पाटिल ने कहा है कि इस पर अंतिम फैसला आलाकमान को लेना है। पार्टी के एक धड़े का कहना है कि प्रतिभा सिंह को अध्यक्ष पद पर बने रहना चाहिए, जबकि दूसरा धड़ा “एक परिवार, एक पद” के सिद्धांत का हवाला दे रहा है।
प्रतिभा सिंह के भविष्य का नए मंत्री पर असर:
अगर प्रतिभा सिंह अध्यक्ष पद पर बनी रहती हैं, तो कांगड़ा और मंडी, दोनों ही संसदीय क्षेत्रों के नेताओं की मंत्री पद पर दावेदारी मज़बूत रहेगी। हालांकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंत्रिमंडल विस्तार के संकेत दिए हैं, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह कब होगा।
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