
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात के दौरान मेयर सौरभ थपलियाल ने भू कानून को लागू करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। इस कानून के तहत हरिद्वार और उधमसिंह नगर को छोड़कर राज्य के अन्य 11 जिलों में बाहरी व्यक्ति कृषि और बागवानी भूमि नहीं खरीद सकेंगे।
नए कानून के मुख्य बिंदु:
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बाहरी व्यक्तियों के लिए कृषि और बागवानी भूमि की खरीद पर रोक: हरिद्वार और उधमसिंह नगर को छोड़कर शेष 11 जिलों में बाहरी लोग कृषि और बागवानी भूमि नहीं खरीद पाएंगे।
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चकबंदी और बंदोबस्ती: सभी पहाड़ी जिलों में चकबंदी और बंदोबस्ती की जाएगी जिससे भूमि विवादों में कमी आएगी।
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जिलाधिकारियों (डीएम) के अधिकार सीमित: डीएम अब भूमि खरीद की अनुमति नहीं दे पाएंगे।
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ऑनलाइन पोर्टल: भूमि खरीद के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल बनाया जाएगा।
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होटल व्यवसाय के लिए भूमि खरीद का रिकॉर्ड: होटल व्यवसाय के लिए राज्य के बाहर के लोगों द्वारा खरीदी गई भूमि का पूरा रिकॉर्ड रखा जाएगा।
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शपथ पत्र: बाहरी लोगों को भूमि खरीदते समय शपथ पत्र देना होगा।
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नियमित रिपोर्ट: सभी डीएम को राजस्व परिषद और शासन को भूमि खरीद की नियमित रिपोर्ट देनी होगी।
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नगर निकाय सीमा में भूमि का उपयोग: नगर निकाय सीमा के अंदर भूमि का उपयोग केवल निर्धारित भू-उपयोग के अनुसार ही किया जा सकेगा।
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आवासीय भूमि की सीमा: राज्य के बाहर का व्यक्ति आवासीय उद्देश्य के लिए अपने परिवार के लिए जीवन में केवल एक बार 250 वर्ग मीटर भूमि खरीद सकेगा।
नए कानून का प्रभाव:
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अंधाधुंध भूमि खरीद पर रोक: नए कानून से उत्तराखंड में बाहरी लोगों द्वारा अंधाधुंध भूमि खरीद पर रोक लगेगी।
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पहाड़ी क्षेत्रों में भूमि प्रबंधन: पहाड़ी क्षेत्रों में भूमि का बेहतर प्रबंधन होगा।
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स्थानीय निवासियों को लाभ: इससे राज्य के निवासियों को अधिक लाभ मिलेगा।
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नियमों का उल्लंघन: नियमों के विरुद्ध भूमि का उपयोग करने पर वह भूमि सरकार के अधीन हो जाएगी।
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