
चंडीगढ़: पंजाब कांग्रेस में गुटबाजी और अनुशासनहीनता का दौर जारी है। कांग्रेस के नए प्रदेश प्रभारी भूपेश बघेल 28 फरवरी को चंडीगढ़ आ रहे हैं और 1 मार्च को पार्टी नेताओं के साथ बैठक करेंगे। इससे पहले ही पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने पार्टी में अनुशासन तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
रंधावा ने उठाई अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग
रंधावा ने कहा है कि कुछ नेता खुद को पार्टी से ऊपर समझते हैं और उनके खिलाफ समय रहते कार्रवाई होनी चाहिए। वे प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के समर्थन में भी उतरे हैं और कहा है कि सभी कांग्रेसियों को उनका सम्मान करना चाहिए। हालाँकि, उन्होंने किसी नेता का नाम नहीं लिया।
प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए लॉबिंग
नए प्रभारी के आने से पहले ही पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर लॉबिंग शुरू हो गई है। रंधावा के अनुसार, 8-9 नेता इस पद के दावेदार हैं। हालांकि, विधायक राणा गुरजीत सिंह ने कहा है कि वे व्यक्तिगत रूप से राजा वड़िंग को पसंद नहीं करते, लेकिन पार्टी के फैसले का सम्मान करते हैं।
बघेल के सामने चुनौती
भूपेश बघेल के सामने पंजाब कांग्रेस में अनुशासनहीनता पर लगाम लगाने की बड़ी चुनौती है। पार्टी में गुटबाजी कोई नई बात नहीं है। 2021 में नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच विवाद के कारण कैप्टन को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था। बाद में सिद्धू और चरणजीत सिंह चन्नी के बीच भी मतभेद रहे, जिसका खामियाजा पार्टी को 2022 के विधानसभा चुनावों में भुगतना पड़ा।
अनुशासनहीनता पर लगाम लगा पाएंगे बघेल?
अब देखना होगा कि बघेल पंजाब कांग्रेस में अनुशासनहीनता की समस्या से कैसे निपटते हैं। तत्कालीन प्रभारी हरीश चौधरी ने सिद्धू को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, लेकिन बाद में कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में बघेल के कदमों पर सभी की निगाहें टिकी हैं।
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