चंडीगढ़: पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए श्री मुक्तसर साहिब के डिप्टी कमिश्नर राजेश त्रिपाठी को निलंबित कर दिया है. यह कार्रवाई मुख्यमंत्री द्वारा अधिकारियों को भ्रष्टाचार रोकने की चेतावनी देने के कुछ दिन बाद ही हुई है. इसके अलावा, सरकार ने विजिलेंस ब्यूरो के प्रमुख वीरेंद्र कुमार को भी हटाकर उनकी जगह नागेश्वर राव को नियुक्त किया है.
मुख्य बिंदु:
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भ्रष्टाचार के आरोप में डीसी निलंबित: राजेश त्रिपाठी को भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित किया गया है. उन्हें पद से हटाने के बाद निलंबन की कार्रवाई की गई.
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विजिलेंस प्रमुख बदले गए: वीरेंद्र कुमार को हटाकर नागेश्वर राव को विजिलेंस ब्यूरो का नया प्रमुख बनाया गया है.
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विजिलेंस को सौंपा मामला: राजेश त्रिपाठी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की जांच विजिलेंस ब्यूरो को सौंप दी गई है.
भ्रष्टाचार के कई मामले:
हालांकि सरकार ने स्पष्ट नहीं किया है कि त्रिपाठी को किस मामले में निलंबित किया गया है, लेकिन विभागीय सूत्रों के अनुसार, उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के कई मामले चल रहे थे.
विजिलेंस प्रमुख में बदलाव का कारण:
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, विजिलेंस ब्यूरो की कार्यप्रणाली के कारण सरकार की छवि को नुकसान पहुंच रहा था. कुछ हाई-प्रोफाइल मामलों में विजिलेंस ब्यूरो को हाई कोर्ट में फजीहत का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद यह बदलाव किया गया है.
आगे की कार्रवाई:
नियमों के अनुसार, निलंबन के 48 घंटे के भीतर केंद्र सरकार को सूचित करना होगा. 15 दिनों के भीतर निलंबित अधिकारी के खिलाफ चार्जशीट तैयार कर केंद्र सरकार को मंजूरी के लिए भेजनी होगी. केंद्र सरकार 30 दिनों में इसे स्वीकार या अस्वीकार कर सकती है. अगर 30 दिनों में कोई जवाब नहीं आता है, तो इसे अस्वीकृति माना जाएगा और अधिकारी बहाल हो जाएगा.