
देहरादून: दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट जारी करने का मामला सामने आया है। एंटीरेट्रोवाइरल उपचार इकाई (एआरटी) में तैनात एक डॉक्टर और एक वार्ड बॉय पर फर्जी सर्टिफिकेट बनाने का आरोप है। अस्पताल प्रबंधन ने दोनों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
मरीज की शिकायत पर हुआ खुलासा:
मामले का खुलासा तब हुआ जब एक मरीज ने शिकायत की कि उसके द्वारा जमा किया गया मेडिकल सर्टिफिकेट अस्वीकार कर दिया गया है। जांच में पता चला कि यह सर्टिफिकेट फर्जी था और इसे एआरटी सेंटर में तैनात डॉक्टर ने जारी किया था। जानकारी के अनुसार, एक व्यक्ति ने पैसे देकर डॉक्टर से फिटनेस सर्टिफिकेट बनवाया था, जिसे संबंधित अधिकारियों ने स्वीकार करने से इनकार कर दिया।
दो महीने पहले हुई थी डॉक्टर की तैनाती:

डॉक्टर को दो महीने पहले ही कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग से एआरटी सेंटर में तैनात किया गया था। एआरटी सेंटर में डॉक्टर की कमी के कारण यह तैनाती की गई थी।
केवल फैकल्टी को है अधिकार:
दून अस्पताल में केवल फैकल्टी को ही मेडिकल सर्टिफिकेट जारी करने का अधिकार है। इस मामले में नियमों का उल्लंघन किया गया है। सही प्रक्रिया के तहत, मरीज को ओपीडी पर्चा बनवाना होता है, फिजिशियन और नेत्र रोग विशेषज्ञ को दिखाना होता है, और आवश्यक जांच करवानी होती है। इसके बाद ही मेडिकल सर्टिफिकेट जारी किया जाता है।
प्राचार्य ने की कार्रवाई की पुष्टि:
दून मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ गीता जैन ने इस मामले की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि आरोपी डॉक्टर और वार्ड बॉय को एआरटी सेंटर से हटा दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है। एआरटी सेंटर में जल्द ही नए डॉक्टर की तैनाती की जाएगी।
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