देहरादून: उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने नाबार्ड के तहत स्वीकृत प्रस्तावों के सापेक्ष विभागों द्वारा कम ऋण वितरण पर सख्त नाराजगी जताई है। उन्होंने सभी विभागों के सचिवों और विभागाध्यक्षों को ऋण वितरण और अदायगी में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव ने सचिवालय में नाबार्ड की ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि (RIDF) पर उच्च अधिकार प्राप्त समिति (HPC) की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि स्वीकृत प्रस्तावों के अनुसार ऋण वितरण की प्रगति संतोषजनक नहीं है। सभी विभागों को इसमें तेजी लाने की जरूरत है। उन्होंने विभागों द्वारा वितरण और अदायगी में आ रही समस्याओं का निराकरण कर शीघ्र कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिए। साथ ही, प्रस्तावों की लगातार निगरानी करने को भी कहा।
मुख्य सचिव ने नाबार्ड को भी प्रस्तावों की स्वीकृति में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभागों द्वारा नाबार्ड को प्रस्ताव भेजने में हो रहे विलंब पर भी ध्यान दिया जाए और प्रक्रियाओं को सरल बनाकर तेजी लाई जाए। धीमी गति से चल रही सभी परियोजनाओं में तेजी लाने के भी निर्देश दिए गए।
नाबार्ड के तहत हुए ये काम:
राज्य में नाबार्ड के तहत RIDF से अब तक 2.39 लाख हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई सुविधाओं का निर्माण और पुनरुद्धार किया गया है। लगभग 15,570 किमी ग्रामीण सड़कों का निर्माण और सुधार हुआ है। 27,729 मीटर पुलों का निर्माण हो चुका है। 23.77 लाख ग्रामीण आबादी को पेयजल सुविधा मिली है और 239 स्कूल और आईटीआई का निर्माण एवं पुनरुद्धार हुआ है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव नितेश झा, दिलीप जावलकर, पंकज कुमार पांडे सहित सभी संबंधित विभागों के सचिव, अपर सचिव और विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
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