चंडीगढ़। छात्रवृत्ति घोटाले से जुड़े रिश्वत मामले में फरार ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर विशालदीप ने CBI के एक DSP रैंक के अधिकारी पर उन्हें फंसाने का आरोप लगाया है. विशालदीप ने CBI और ED के निदेशकों को भेजी एक शिकायत में दावा किया है कि CBI के DSP ने उन्हें रिश्वत लेने के लिए उकसाया था और बदले में 10% कमीशन मांगा था.
पिछले महीने CBI ने शिमला में ED के जोनल ऑफिस में छापा मारकर विशालदीप के भाई विकासदीप और नीरज को गिरफ्तार किया था. आरोप है कि विशालदीप ने छात्रवृत्ति घोटाले के आरोपियों से ढाई करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी.
विशालदीप का कहना है कि CBI के DSP ने उन्हें आरोपियों को फायदा पहुँचाने के लिए रिश्वत लेने के लिए कहा था. जब उन्हें शक हुआ तो उन्होंने DSP से मुलाकात की और उसकी रिकॉर्डिंग कर ली. लेकिन CBI की छापेमारी के दौरान ये सबूत गायब हो गए.
विशालदीप ने अपनी शिकायत में अपने घर, ऑफिस और उन जगहों की CCTV फुटेज सुरक्षित रखने की मांग की है जहाँ उनकी DSP से मुलाकात हुई थी. उन्होंने DSP का मोबाइल सीज करने की भी मांग की है.
शिकायत में विशालदीप ने बताया:
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नवंबर 2023 में शिमला ED में असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में उनकी नियुक्ति हुई.
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छात्रवृत्ति घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच उनके पास थी.
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CBI के DSP ने उनसे संपर्क किया और आरोपियों से मिले होने का पता चला.
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DSP ने धमकी दी, जिसकी जानकारी उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दी.
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अक्टूबर 2024 में शिमला, मोहाली और चंडीगढ़ में DSP से मुलाकात हुई.
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चंडीगढ़ की एक होटल में हुई मीटिंग में आरोपी रजनीश बंसल भी मौजूद थे.
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उन्होंने चुपके से मीटिंग की रिकॉर्डिंग कर ली और पेन ड्राइव में सेव कर ली.
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CBI ने उनके घर और ऑफिस में छापा मारा और सबूत जब्त कर लिए.
CBI ने विशालदीप को नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन वे पेश नहीं हुए. उन्हें दिल्ली ट्रांसफर कर दिया गया है, लेकिन उन्होंने वहां भी ज्वाइन नहीं किया है. CBI विशालदीप की तलाश कर रही है.
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