
चंडीगढ़, 31 दिसंबर: पंजाब के वन एवं वन्यजीव सुरक्षा विभाग ने वर्ष 2024 में पर्यावरण संरक्षण और वन क्षेत्र विस्तार की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किए हैं। विभिन्न योजनाओं, जैसे स्टेट अथॉरिटी कैंपा और हरियाली पंजाब मिशन के तहत 2.84 लाख पौधे लगाए गए और 3153.33 हेक्टेयर क्षेत्र को वन क्षेत्र में शामिल किया गया।
वन एवं वन्यजीव सुरक्षा मंत्री लाल चंद कटारूचक ने बताया कि गैर-वन और सरकारी भूमि पर लगे पेड़ों की अवैध कटाई रोकने, पर्यावरण संरक्षण और वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करने के लिए पंजाब मंत्रिमंडल ने ‘ट्री प्रिज़र्वेशन पॉलिसी फॉर नॉन-फॉरेस्ट गवर्नमेंट एंड पब्लिक लैंड्स-2024’ को मंजूरी दे दी है।
प्रति ट्यूबवेल कम से कम चार पौधे लगाने की नीति के तहत 28.99 लाख पौधे लगाए गए हैं। इस वर्ष 46 पवित्र वन और 268 नानक बगीचे भी स्थापित किए गए हैं। विभागीय नर्सरियों में महिला कर्मचारियों के लिए 78 शौचालयों का निर्माण भी किया जा रहा है।

2030 तक वन क्षेत्र को 7.5 प्रतिशत तक बढ़ाने के लक्ष्य के लिए केंद्र सरकार ने 792.88 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी है। यह परियोजना पाँच वर्षों में पूरी होगी और इसे जापानी इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) के सहयोग से क्रियान्वित किया जाएगा।
विभाग ने पिछले दो वर्षों में डिप्टी रेंजर, फॉरेस्टर, वन गार्ड, क्लर्क आदि पदों पर 276 सीधी भर्तियां की हैं।
वन्यजीव सुरक्षा के क्षेत्र में, छतबीड़ चिड़ियाघर में देश की सबसे बड़ी और सबसे लंबी वॉक-इन-एवियरी का उद्घाटन किया गया है। चिड़ियाघर में एक आधुनिक डायनासोर पार्क भी बनाया गया है। केंद्र सरकार ने पंजाब के पाँच वेटलैंड्स – हरीके, रोपड़, कंजली, केशोपुर और नंगल – को प्राथमिकता के आधार पर विकसित करने के लिए चुना है। राज्य के चिड़ियाघरों और वन्यजीव संरक्षण के लिए 25.29 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
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