मुंबई: अपनी अदाकारी और बेमिसाल डांस से दर्शकों को दीवाना बनाने वाले शम्मी कपूर सिर्फ़ पर्दे पर ही नहीं, बल्कि असल ज़िंदगी में भी उतने ही दिलदार और ज़िंदादिल इंसान थे। उनकी जयंती पर फिल्मकार राहुल रवेल ने उनसे जुड़ी कुछ ख़ास यादें साझा कीं।
पहली मुलाकात:
राहुल रवेल ने बताया कि फ़िल्म ‘बीवी ओ बीवी’ के क्लाइमेक्स सीन में शम्मी कपूर के साथ उनका पहला काम करने का अनुभव था। उनकी छोटी सी भूमिका ने राहुल को इतना प्रभावित किया कि ‘बेताब’ के लिए उन्होंने शम्मी जी को ही चुना।
मोल-भाव का किस्सा:
‘बेताब’ के लिए शम्मी कपूर ने तीन लाख रुपये मांगे। निर्माता धर्मेंद्र के जीजा बिक्रमजीत को यह रकम ज़्यादा लगी, तो उन्होंने धर्मेंद्र से शम्मी जी से बात करके कुछ कम करवाने को कहा। लेकिन जब धर्मेंद्र ने शम्मी जी से बात की, तो उन्होंने पाँच लाख रुपये मांग लिए! उन्होंने हँसते हुए कहा कि दो लाख रुपये पेनाल्टी है। इस वाकये से शम्मी जी का कलाकारों के प्रति सम्मान और अपनी बात मनवाने का अनोखा अंदाज़ झलकता है।
कश्मीर से नाता:
शम्मी कपूर का कश्मीर और वहाँ के लोगों से गहरा लगाव था। ‘कश्मीर की कली’ से लेकर ‘बेताब’ तक, उन्होंने कई फिल्मों की शूटिंग कश्मीर में की थी। राहुल रवेल ने बताया कि ‘लव स्टोरी’ की शूटिंग के दौरान भी लोग उनसे शम्मी जी के बारे में पूछते थे। वहाँ के लोग उनकी दरियादिली के किस्से सुनाते थे। होटल स्टाफ को खुले हाथ से रुपये बाँटना उनके शाही मिजाज़ को दर्शाता है।
खान-पान के शौकीन:
शम्मी कपूर खाने-पीने के शौकीन थे। शूटिंग लोकेशन पर सबसे पहले वह अच्छे रेस्टोरेंट और उनके मशहूर व्यंजनों के बारे में पता करते थे। यूनिट मेंबर्स के लिए वह अक्सर दावतें देते थे। कश्मीर में शूटिंग के दौरान वह शिकारे पर वजवान की दावत देते थे।
अचानक शादी:
पहली पत्नी गीता दत्त के निधन के बाद, शम्मी कपूर के जीवन में नीला देवी आईं। रितु कपूर (राज कपूर की बेटी) की शादी के दौरान शम्मी कपूर और नीला देवी ने अचानक शादी कर ली, जिससे सब हैरान रह गए।
ज़िंदादिली:
एक बार बीमार होने पर डॉक्टर ने शम्मी जी को कुछ दिन व्हीलचेयर पर रहने की सलाह दी। लेकिन अस्पताल से छुट्टी मिलते ही वह सीधे ड्राइविंग सीट पर बैठ गए। उन्होंने कहा था कि जिंदगी भरपूर जीनी चाहिए।
शम्मी कपूर की ज़िंदादिली और दरियादिली के किस्से आज भी उन्हें याद रखने वालों के दिलों में ज़िंदा हैं।