
महाकुंभ नगर: विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक जनसमागम, महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रिवेणी पूजन के साथ कुंभ का अभिषेक किया। पवित्र त्रिवेणी के तट पर उन्होंने मोतियों से जड़ित कुंभ कलश की स्थापना की। यह कलश प्रयागराज मेला प्राधिकरण द्वारा निर्मित है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने लगभग 5500 करोड़ रुपये की 167 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण भी किया, जिनमें 11 कॉरिडोर, 29 जीर्णोद्धारित मंदिर, पुल, ओवरब्रिज, सड़क परियोजनाएं, रेलवे, एयरपोर्ट और एनएचएआई की परियोजनाएं शामिल हैं। इन परियोजनाओं से न केवल महाकुंभ की दिव्यता और भव्यता में वृद्धि होगी, बल्कि प्रयागराज के समग्र विकास को भी गति मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कुंभ सहायक AI चैटबॉट भी लॉन्च किया, जो श्रद्धालुओं के लिए एक उपयोगी तकनीकी साधन साबित होगा।
त्रिवेणी पूजन और विकास परियोजनाओं का लोकार्पण:
प्रधानमंत्री का प्रयागराज आगमन भव्य स्वागत के साथ हुआ। निषादराज मिनी क्रूज से नवनिर्मित पक्का स्नान घाट की जेटी पर पहुंचकर उन्होंने किला स्थित अक्षयवट और समुद्रकूप के दर्शन-पूजन किए। इसके बाद बड़े हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना कर संगम नोज पर पहुंचे, जहां उन्होंने त्रिवेणी पूजन कर महाकुंभ के सफल आयोजन की कामना की। संगम नोज पर ही आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने लगभग 5500 करोड़ रुपये की 167 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इन परियोजनाओं में शृंगवेरपुर धाम कॉरिडोर, निषादराज पार्क, भरद्वाज आश्रम कॉरिडोर का वर्चुअल लोकार्पण भी शामिल रहा।
स्वच्छता अभियान का शुभारंभ:
स्वच्छ और निर्मल गंगा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए प्रधानमंत्री ने गंगा की ओर बहने वाले छोटे नालों को रोकने, टैप करने, मोड़ने और उपचारित करने की परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया। इससे नदी में बिना उपचारित जल के प्रवाह को रोका जा सकेगा। प्रधानमंत्री ने स्वच्छता अभियान का भी शुभारंभ किया, जिसमें लगभग 10 लाख लोग जुड़ेंगे। इनमें लगभग 5 लाख स्कूल-कॉलेज और विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राएं शामिल होंगे।

महाकुंभ और प्रयागराज का कायाकल्प:
महाकुंभ के लिए प्रस्तावित परियोजनाएं प्रयागराज की सांस्कृतिक पहचान को विश्व स्तर पर और मजबूत करेंगी। ये परियोजनाएं शहर के विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगी। धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी तेजी आएगी। यातायात सुविधाओं में सुधार से यात्रियों और श्रद्धालुओं को भी सुविधा होगी। नए कॉरिडोर और जीर्णोद्धारित मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनेंगे।
आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व:
महाकुंभ का आयोजन सदियों से भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग रहा है। यह आस्था, भक्ति और साधना का महापर्व है, जहां लाखों श्रद्धालु पवित्र संगम में डुबकी लगाकर पुण्य लाभ अर्जित करते हैं। इस पावन अवसर पर प्रधानमंत्री की उपस्थिति और विकास परियोजनाओं का लोकार्पण महाकुंभ के महत्व को और बढ़ाता है। प्रधानमंत्री द्वारा की गई घोषणाएं और शुरू की गई परियोजनाएं प्रयागराज के विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित होंगी। ये परियोजनाएं न केवल शहर के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेंगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेंगी।
तकनीक का उपयोग:
कुंभ सहायक AI चैटबॉट का लॉन्च इस बात का प्रमाण है कि सरकार तकनीक का उपयोग कर श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह चैटबॉट श्रद्धालुओं को कुंभ मेले से जुड़ी सभी आवश्यक जानकारियां प्रदान करेगा, जैसे कि आवास, परिवहन, दर्शनीय स्थल, आपातकालीन सेवाएं आदि। इससे श्रद्धालुओं को कुंभ मेले का अनुभव सुगम और सुखद बनाने में मदद मिलेगी।
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