शिमला: हिमाचल प्रदेश को केंद्र सरकार की “स्पेशल असिस्टेंट टू स्टेटस फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट स्कीम” के तहत पर्यटन परियोजनाओं के लिए कोई धनराशि नहीं मिली है। केंद्र सरकार ने हाल ही में 23 राज्यों को 3295.76 करोड़ रुपये जारी किए हैं, लेकिन हिमाचल प्रदेश इस सूची में शामिल नहीं है। यह निर्णय हिमाचल प्रदेश सरकार के लिए एक बड़ा झटका है।
हिमाचल प्रदेश सरकार की योजना बिलासपुर जिले के औहर और कांगड़ा जिले के देहरा में नए पर्यटन स्थल विकसित करने की थी। अधिकारियों के अनुसार, तीन परियोजना प्रस्ताव सितंबर में भेजे गए थे, जिन पर पहले आपत्तियां थीं जिन्हें दूर भी किया गया, लेकिन फिर भी केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने इन प्रस्तावों को अस्वीकार कर दिया।
केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने 27 अगस्त को सभी राज्यों को परियोजना प्रस्ताव भेजने के लिए कहा था, जिसमें यह शर्त थी कि प्रस्तावित परियोजनाओं में भूमि संबंधी कोई विवाद, वन स्वीकृति की समस्या या लोगों के विस्थापन की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। हिमाचल प्रदेश ने सितंबर के अंत में ही तीन परियोजना प्रस्ताव ऑनलाइन अपलोड कर दिए थे, जिनमें से दो बिलासपुर के औहर और एक कांगड़ा के देहरा में थी। मुख्यमंत्री ने औहर की एक परियोजना का शिलान्यास भी कर दिया था। पर्यटन विभाग के अधिकारी इन परियोजनाओं के अस्वीकृत होने के कारणों के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दे पा रहे हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 25 अक्टूबर को केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाक़ात कर केंद्र सरकार से सहयोग का आग्रह किया था और इन परियोजनाओं का विशेष रूप से उल्लेख किया था।
प्रस्तावित परियोजनाएँ:
-
औहर: गोबिंद सागर झील के पास एक आधुनिक पर्यटन परिसर का निर्माण, जिसमें होटल, फूड कोर्ट और मनोरंजन क्षेत्र शामिल थे।
-
देहरा: एक आरोग्य केंद्र और स्वास्थ्य रिसॉर्ट का निर्माण।
कोरोना महामारी के बाद हिमाचल प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई थी, लेकिन अब केंद्र सरकार द्वारा अन्य एजेंसियों से मिलने वाले फंड पर भी कैपिंग लगा दिए जाने से पर्यटन विकास में चुनौतियाँ बढ़ गई हैं।
Pls read:HImachal: हिमाचल प्रदेश में केरल मॉडल पर पैलिएटिव केयर सेवाओं की शुरुआत