ढाका/नई दिल्ली: बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएँ लगातार बढ़ रही हैं। यूनुस सरकार के दावों के बावजूद अल्पसंख्यक समुदाय लगातार निशाना बन रहा है। ताज़ा घटना सुमनगंज जिले से सामने आई है जहाँ कट्टरपंथी भीड़ ने हिंदुओं के घरों पर हमला बोल दिया।
भीड़ ने एक हिंदू युवक पर फेसबुक पोस्ट में ईश निंदा का आरोप लगाते हुए सौ से ज़्यादा घरों में तोड़फोड़ की और पूजा स्थलों को भी क्षतिग्रस्त किया। टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में 200 से अधिक हिंदू परिवार विस्थापित हो चुके हैं। पुलिस ने ईश निंदा के आरोप में आकाश दास (20) को गिरफ्तार किया है।
शेख हसीना का आरोप: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पहली बार सार्वजनिक रूप से यूनुस सरकार पर अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से हिंदुओं के सोचे-समझे नरसंहार का आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि वर्तमान सरकार उनकी और उनकी बहन रेहाना की हत्या कराना चाहती है। न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने बांग्लादेश छोड़ने का फैसला लोगों की जान बचाने के लिए लिया था, न कि अपनी जान बचाने के लिए।
अमेरिकी कांग्रेस की चिंता: इस बीच, अमेरिकी कांग्रेसी ब्रैड शेरमन ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और हालिया हमलों और उत्पीड़न पर कार्रवाई करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश सरकार का यह कर्तव्य है कि वह अपने हिंदू अल्पसंख्यकों की रक्षा करे और विरोध प्रदर्शनों को गंभीरता से ले।
घटना का सन्दर्भ: यह हिंसा 25 अक्टूबर को चटगाँव में बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर भगवा झंडा फहराए जाने की घटना के बाद शुरू हुई थी। इस मामले में पुजारी चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार किया गया था।
यह घटनाएँ बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और मानवाधिकारों की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाती हैं। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की जा रही है।
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