- कहा, अगर किसी बच्चे द्वारा भीख मांगने का मामला सामने आता है तो उसकी सूचना जिला बाल सुरक्षा यूनिट या बाल भलाई कमेटी को दी जाए
चंडीगढ़, 22 नवंबर:
पंजाब सरकार द्वारा बाल भीख जैसी सामाजिक बुराई को समाप्त करने के लिए राज्य के सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास विभाग के माध्यम से जीवनजोत परियोजना चलाई जा रही है। इस पहल का उद्देश्य भीख मांगने वाले बच्चों को बचाना, उनका पुनर्वास और पुनर्निर्माण करना और यह सुनिश्चित करना है कि उन्हें शोषणमुक्त जीवन का रास्ता दिखाया जा सके। यह शब्द कैबिनेट मंत्री डा. बलजीत कौर ने कहे।
इस बारे में और जानकारी देते हुए कैबिनेट मंत्री ने बताया कि जीवनजोत परियोजना के तहत राज्य में भीख मांगने वाले बच्चों को बचाने और उनका पुनर्वास करने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह अभियान हर महीने के दूसरे हफ्ते में चलाया जाता है।
उन्होंने यह भी खुलासा किया कि इस अभियान के तहत जुलाई महीने से अब तक विभिन्न जिलों में कुल 187 बच्चों को बचाया गया है, जिनमें से 18 बच्चों को किसी आश्रय स्थल का न होने के कारण राज्य में चल रहे बाल गृहों में भेजा गया है। इन बाल गृहों में बच्चों को शिक्षा, भोजन, स्वास्थ्य सुविधाएं आदि प्रदान की जा रही हैं। बाकी बच्चों को बाल भलाई समिति के माध्यम से उनके माता-पिता को सौंप दिया गया है। इनमें से 15 बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना का लाभ, 80 बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिलवाने के लिए कार्रवाई की जा रही है और 3 बच्चों को आंगनवाड़ी में दाखिला कराया गया है।
मंत्री ने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा जुवेनाइल जस्टिस केयर एंड प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन एक्ट 2015 के तहत राज्य में 07 सरकारी चिल्ड्रन होम और 39 गैर सरकारी होम रजिस्टर्ड किए गए हैं, जिनमें अनाथ, बेसहारा और संरक्षित बच्चों को रखा जाता है।
कैबिनेट मंत्री ने नागरिकों से अपील की कि यदि उनके ध्यान में बच्चों द्वारा भीख मांगने से संबंधित कोई मामला आता है तो वे इस संबंध में सूचना अपने जिले की जिला बाल सुरक्षा यूनिट या बाल भलाई समिति को या फिर विभाग द्वारा चलाई जा रही चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर दे सकते हैं।
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