Punjab: बरिंदर कुमार गोयल द्वारा खनन क्षेत्र में अधिक पारदर्शिता और अत्याधुनिक तकनीक को बढ़ावा देने की ज़ोरदार वकालत – The Hill News

Punjab: बरिंदर कुमार गोयल द्वारा खनन क्षेत्र में अधिक पारदर्शिता और अत्याधुनिक तकनीक को बढ़ावा देने की ज़ोरदार वकालत

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  • खनन और भू-विज्ञान मंत्री ने पद संभालने के पहले दिन ही व्यापक सुधारों की शुरुआत की

चंडीगढ़, 27 सितंबर:

पंजाब के खनन और भू-विज्ञान मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद आज पहले दिन ही खनन और भू-विज्ञान विभाग को पहल देते हुए विभाग के काम में पारदर्शिता लाने की ओर अपना ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने यह प्रतिबद्धता राज्य में खनन गतिविधियों से संबंधित एकीकृत आई.टी. उपायों व नवीनतम तकनीकी प्रणालियों संबंधी ‘दिलचस्पी का प्रगटावा’ कार्यशाला के दौरान व्यक्त की।

विभाग के कामकाज में जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए श्री बरिंदर कुमार गोयल ने कहा कि हमारा उद्देश्य राज्य में खनिजों का सही लेखा-जोखा सुनिश्चित करना और प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाते हुए अधिक से अधिक राजस्व जुटाना है।

इन नई पहलों के उद्देश्यों पर जानकारी देते हुए खनन और भू-विज्ञान मंत्री ने बताया कि इस प्रणाली को अपनाकर हम एक ऐसी ठोस रूपरेखा लागू करेंगे, जिससे कच्चे/प्रोसेसड खनिजों की सही ट्रैकिंग और रिकॉर्डिंग की सुविधा मिलेगी और साथ-साथ यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि राज्य का राजस्व जुटाने की नीति के अनुसार वित्तीय अखंडता कायम रखने और पंजाब के आर्थिक लक्ष्यों को पूरा किया जाए।

समूह अधिकारियों को निर्देश देते हुए श्री बरिंदर कुमार गोयल ने कहा कि चरणबद्ध और योजनाबद्ध तरीके से तकनीकों को लागू कर विभाग की सभी नीतियों में सुधार किए जा रहे हैं।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि अवैध खनन गतिविधियों को रोकने और राज्य के राजस्व में वृद्धि करने के लिए विभाग मौजूदा प्रणाली में तकनीकी संशोधन करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि आधुनिकीकरण के पहले चरण के तहत पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पी.पी.पी.) के आधार पर भार तोलक कांटे स्थापित किए जा रहे हैं।

गौरतलब है कि इस पहल के तहत 12 बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने खनन और भू-विज्ञान विभाग के साथ सहयोग में रुचि दिखाई है। चंडीगढ़ में आयोजित ‘दिलचस्पी का प्रगटावा’ कार्यशाला के दौरान विभाग ने छह फ्लाइंग टीमों के गठन की भी घोषणा की, जो उच्च तकनीकी लाइव कवरेज क्षमताओं से लैस होंगी और इनकी निगरानी सरकार के मुख्यालय द्वारा की जाएगी।

श्री गोयल ने बताया कि राज्य में प्रोसेस्ड सामग्रियों को नियमित करने के लिए विभाग ने पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पी.पी.पी) के आधार पर लगभग 101 रणनीतिक स्थानों पर वज़न सेंटर, बूम बैरियर, एडवांस्ड कैमरा सिस्टम (ए.एन.पी.आर/पी.टी.जेड/आई.पी/वैरिफोकल), प्रीपेड सुविधाओं वाले आर.एफ.आई.डी रीडर और आर.एफ.आई. डी
टैग लगाने का प्रस्ताव पेश किया है। इस पहल का उद्देश्य क्रशर यूनिट्स से प्रोसेस्ड सामग्रियों के लेखा-जोखा करने में मौजूदा प्रणाली में सुधार करना शामिल है।

इस प्रगतिशील पहुंच के अंतर्गत विभिन्न आईटी कंपनियों और फर्मों ने विभाग के संचालन में दक्षता बढ़ाने के लिए कई प्रकार के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर समाधान सहित निगरानी और प्रबंधन गतिविधियों से संबंधित अपने प्रस्ताव प्रस्तुत किए।

खनन और भू-विज्ञान मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने कहा कि इन उपायों से पंजाब ने खनन क्षेत्र में सुधार के लिए तकनीक और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है, जिससे प्रक्रियाओं में अधिक जवाबदेही का नया युग शुरू होगा और राज्य के राजस्व में वृद्धि होगी।

श्री गोयल ने अधिकारियों को अवैध खनन गतिविधियों से प्रभावी ढंग से निपटने, अधिक राजस्व जुटाने, मौजूदा नीतियों को प्रभावी ढंग से लागू करने और अत्याधुनिक तकनीकों को तेजी से शामिल करने के निर्देश दिए।

इस अवसर पर खनन और भू-विज्ञान विभाग के सचिव गुरकिरत किरपाल सिंह, खनन विभाग के निदेशक श्री अभिजीत कपलिश और चीफ इंजीनियर डॉ. हरिंदरपाल सिंह बेदी भी उपस्थित थे।

 

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