देहरादून: विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर, उत्तराखंड के चार गांवों को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। शुक्रवार को नई दिल्ली में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में उत्तराखंड के चयनित ग्रामों के प्रधानों को यह पुरस्कार प्रदान किया गया।
चारों गांवों के लिए सम्मान:
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जखोल गांव (उत्तरकाशी): साहसिक पर्यटन के लिए चुना गया। यह अपनी ऊँचाई, प्राकृतिक सुंदरता और चुनौतीपूर्ण ट्रेकिंग रूटों के लिए जाना जाता है।
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हर्षिल गांव (उत्तरकाशी): “वाइब्रेंट विलेज” के रूप में सम्मानित। यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता, बर्फ से ढके पहाड़ों और सेब के बागानों के लिए प्रसिद्ध है।
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गुंजी गांव (पिथौरागढ़): “वाइब्रेंट विलेज” के रूप में सम्मानित। यह चीन और नेपाल की सीमा के पास स्थित है, और अपनी सामरिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है।
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सूपी गांव (बागेश्वर): कृषि पर्यटन के लिए पुरस्कृत। यह अपनी पारंपरिक कृषि पद्धतियों और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है। यहां पर्यटकों को ग्रामीण जीवन और खेती से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता:
पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। यह प्रतियोगिता संस्कृति और प्राकृतिक संपदा के संरक्षण, समुदाय आधारित मूल्यों और जीवन शैली को बढ़ावा देने, और आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरण स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता पर आधारित है। इस वर्ष, उत्तराखंड के चार गांवों को चयनित किया गया है।
पुरस्कार समारोह में उपस्थित लोग:
इस अवसर पर, उत्तराखंड के पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे, अपर निदेशक पर्यटन और नोडल अधिकारी पूनम चंद, और चयनित चार ग्रामों के प्रधान और प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
यह पुरस्कार उत्तराखंड के पर्यटन क्षेत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह राज्य के गांवों के विकास और पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।