Punjab: सांकेतिक भाषा को मिलेगी प्राथमिकता, विधानसभा और पुलिस को दिया जाएगा प्रशिक्षण – The Hill News

Punjab: सांकेतिक भाषा को मिलेगी प्राथमिकता, विधानसभा और पुलिस को दिया जाएगा प्रशिक्षण

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चंडीगढ़/पटियाला: पंजाब की सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने कहा है कि बोलने और सुनने में असमर्थ लोग भी हमारे समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और पंजाब सरकार मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में सांकेतिक भाषा को पूरी प्राथमिकता दे रही है।

डॉ. बलजीत कौर पटियाला में अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। उन्होंने कहा कि जल्द ही पंजाब विधानसभा में भी सांकेतिक भाषा को लागू किया जाएगा ताकि सदन की कार्यवाही को बोलने और सुनने में असमर्थ लोगों तक पहुंचाया जा सके। इसके अलावा, पंजाब पुलिस को भी सांकेतिक भाषा का प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि ऐसे लोगों को न्याय दिलाने में कोई समस्या न आए।

डॉ. कौर ने कहा कि हर इंसान में कोई न कोई अपंगता होती है और यह किसी एक वर्ग तक सीमित नहीं है। इसलिए, उनको प्रोत्साहित करना और आगे बढ़ाना हम सबका कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि जो लोग खामोश हैं, उनके अंदर भी एक बड़ा तूफान होता है और उनकी छिपी हुई प्रतिभा को पहचान कर उन्हें आगे लाया जाएगा।

सामाजिक सुरक्षा मंत्री ने कहा कि हाशिए पर धकेले गए लोग तभी बनते हैं जब उनकी बात नहीं सुनी जाती। बोलने और सुनने में असमर्थ लोग, विशेषकर बच्चे, इसे अपनी प्रगति के मार्ग में बाधा न समझें, बल्कि सांकेतिक भाषा उनके लिए नए दरवाजे खोलेगी और वे जो चाहें वह कर सकते हैं।

इस अवसर पर पटियाला स्कूल फॉर द डेफ, वाणी इंटीग्रेटेड स्कूल फॉर हियरिंग इम्पेयर्ड, नोएडा डेफ सोसाइटी और स्पीकिंग हैंड्स सोसाइटी राजपुरा के विद्यार्थियों ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इस अवसर पर डिप्टी कमिश्नर डॉ. प्रीति यादव, नोएडा डेफ सोसाइटी की रविंदर कौर, इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन मेघ चंद शेरमाजरा, जिला योजना समिति के चेयरमैन जसवीर सिंह जस्सी सोहियांवाला, एसएसपी डॉ. नानक सिंह, एडीसी (शहरी विकास) नवरीत कौर सेखों, एसडीएम अरविंद कुमार, जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकारी जोबनदीप कौर चीमा, जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रदीप सिंह ढिल्लों, सोसाइटी फॉर वेलफेयर ऑफ हैंडीकैप्ड के सचिव कर्नल करमिंदर सिंह, पटियाला एसोसिएशन ऑफ डेफ के जगदीप सिंह के अलावा पंजाब भर से आए बोलने और सुनने में असमर्थ लोगों ने भी भाग लिया।

यह पहल बोलने और सुनने में असमर्थ लोगों के अधिकारों और समानता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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