शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार तीन बड़े निर्माणाधीन बिजली प्रोजेक्ट – लूहरी, सुन्नी और धौलासिद्ध – को टेकओवर करने की तैयारी में है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि प्रधानमंत्री के मान-सम्मान के लिए अभी इस तरह की कार्रवाई नहीं की गई है, मगर सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) यदि उनकी शर्तों को नहीं मानता है, तो सरकार इन तीनों परियोजनाओं को टेकओवर कर लेगी। उन्होंने एनटीपीसी के डुगर प्रोजेक्ट को लेकर भी यही बात कही।
विधानसभा में विधायक केवल सिंह पठानिया के सवाल का उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि सरकार के दवाब में एसजेवीएन 12 फीसदी रॉयल्टी इन परियोजनाओं में देने को तैयार हुआ है, लेकिन इसके अलावा भी सरकार की शर्तें हैं, जोकि पूरी होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व सरकार ने हिमाचल के हितों को बेचा है।
पूर्व सरकार द्वारा की गई शर्तें:
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लूहरी परियोजना: 10 साल बाद चार फीसदी बिजली रॉयल्टी, 11 से 25 साल में आठ फीसदी तथा 26 से 40 साल तक 12 फीसदी रॉयल्टी।
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सुन्नी परियोजना: केवल 12 फीसदी रॉयल्टी।
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धौलासिद्ध परियोजना: 40 साल तक 12 फीसदी रॉयल्टी।
सरकार की शर्तें:
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40 साल के बाद सरकार इन परियोजनाओं को वापस लेगी।
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12, 18, 40 फीसदी मुफ्त बिजली रॉयल्टी।
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लाडा की राशि लेने और राहत राशि जो सरकार को मिलनी है, उसका प्रावधान।
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नौ फीसदी जीएसटी का प्रावधान।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी शर्तों पर समझौता नहीं होता है, तो हम इन परियोजनाओं को टेकओवर कर लेंगे। उन्होंने कहा कि हिमाचल को इन बिजली परियोजनाओं से क्या मिल रहा है? केवल बादल फटने की घटनाएं हो रही हैं और लोगों के जान-माल की हानि हो रही है। ऐसे में सरकार समझौता करने वाली नहीं है और पूरी लड़ाई लड़ेगी।
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