मोहाली: पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाने के लिए प्रदेश सरकार लगातार प्रयासरत है. इस दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बुधवार को मोहाली में एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ए.एन.टी.एफ.) के नए कार्यालय का उद्घाटन किया और नशा विरोधी हेल्पलाइन और व्हाट्सएप चैटबॉट (97791-00200) की शुरुआत की.
नए कार्यालय और हेल्पलाइन का उद्देश्य:
मुख्यमंत्री ने बताया कि यह हेल्पलाइन आम नागरिकों और नशा पीड़ितों को नशा तस्करों के बारे में जानकारी देने का अवसर प्रदान करेगी और नशा छोड़ने के इच्छुक व्यक्तियों के लिए चिकित्सीय सहायता सुनिश्चित करेगी. उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे जमीनी स्तर पर नशे की तस्करी रोकने और इस घृणित अपराध में शामिल बड़ी मछलियों की पहचान करने में मदद मिलेगी और सूचना देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी.
ए.एन.टी.एफ को मजबूत बनाया जा रहा है:
मुख्यमंत्री ने कहा कि ए.एन.टी.एफ की मौजूदा कर्मचारियों की संख्या को 400 से दोगुना कर 861 किया जा रहा है और पुलिस विभाग के लिए आने वाली 10,000 नई भर्तियों में से ए.एन.टी.एफ के लिए ये नई भर्तियां की जाएंगी. उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने मौजूदा वित्तीय वर्ष 2024-25 में ए.एन.टी.एफ की नई स्थापित इंटेलिजेंस और तकनीकी इकाई को अत्याधुनिक एजेंसी के रूप में विकसित करने के लिए हाई-टेक सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर की खरीद और बुनियादी ढांचे के नवीनीकरण के लिए 12 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए हैं. ए.एन.टी.एफ की बेहतरी के लिए 14 नई महिंद्रा स्कॉर्पियो गाड़ियां प्रदान की जाएंगी.
ए.एन.टी.एफ को अलग भूमि दी जाएगी:
भगवंत सिंह मान ने कहा कि ए.एन.टी.एफ को मोहाली में अपना स्वतंत्र मुख्यालय स्थापित करने के लिए एक एकड़ की अलग भूमि उपलब्ध कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की प्रवर्तन-नशामुक्ति-रोकथाम (ई.डी.पी) रणनीति को लागू करने के लिए पंजाब स्टेट कैंसर और डी-एडिक्शन ट्रीटमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (सी.ए.डी.ए फंड) से 10 करोड़ रुपए ए.एन.टी.एफ के लिए मंजूर किए जाएंगे.
पंजाब पुलिस कानून-व्यवस्था से संबंधित गंभीर मामलों को प्रभावी ढंग से हल कर रही:
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस कानून-व्यवस्था से संबंधित गंभीर मामलों को प्रभावी ढंग से हल कर रही है. उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में किसी भी प्रकार की रियायत न देने की नीति अपनाई गई है और खन्ना बेअदबी कांड और अमृतसर में एन.आर.आई पर हुए हमले में पुलिस की त्वरित कार्रवाइयों की सभी ने सराहना की है.
नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई:
मुख्यमंत्री ने कहा कि भले ही पुलिस को ड्रोन और सीमा पार से तस्करी के रूप में नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन पंजाब पुलिस अपनी ड्यूटी कुशलता से निभा रही है. उन्होंने कहा कि नशे के मामलों में उचित कानूनी कार्रवाई के लिए इस नई फोर्स के साथ विशेष कानून अधिकारी तैनात किए गए हैं और राज्य सरकार ने पहले दिन से ही यह सुनिश्चित किया है कि राज्य में नशा तस्करों को कोई राजनीतिक संरक्षण न मिले ताकि इस खतरे को जड़ से समाप्त किया जा सके.
नशे के खिलाफ कार्रवाई के सकारात्मक परिणाम:
मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे की तस्करी में शामिल कई बड़ी मछलियों को सलाखों के पीछे डाला गया है. उनके खिलाफ एफ.आई.आर दर्ज की गई हैं. 379 नशा तस्करों की 173 करोड़ रुपए की संपत्तियां जब्त की गई हैं. अन्य कार्रवाइयां जारी हैं. उन्होंने कहा कि यह संतोष की बात है कि इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं और युवा राज्य की सामाजिक-आर्थिक प्रगति में सक्रिय भागीदार बन रहे हैं और यह रिकॉर्ड पर है कि राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में दाखिलों में भारी वृद्धि हो रही है.
पुलिसकर्मियों के तबादले पर:
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पंजाब पुलिस में निचले स्तर पर बड़ी संख्या में कर्मचारियों का तबादला किया है, जो लंबे समय से अपने पुराने पदों पर बने हुए थे. उन्होंने कहा कि डिवीजनों में बड़ी संख्या में तबादले किए गए हैं और तस्करों और कर्मचारियों के नेटवर्क को तोड़ने के लिए पुलिस कर्मचारियों की तैनाती की प्रक्रिया जारी है.
गांवों को नशा मुक्त करने के लिए विशेष अनुदान:
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पंजाब भर के गांवों को नशा मुक्त करने के लिए विशेष अनुदान देगी. उन्होंने उम्मीद जताई कि इन अनुदानों का उपयोग गांवों में खेलों और खेलों के बुनियादी ढांचे को प्रोत्साहित करने के लिए किया जाएगा, जो युवाओं की अथाह शक्ति को सकारात्मक दिशा में लाने में अधिक सहायक सिद्ध होगा.
युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे:
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अब तक विभिन्न विभागों में 44,667 से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे हैं.
भूमि अधिग्रहण पर:
मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमि अधिग्रहण को लेकर राज्य में कानून व्यवस्था की कोई समस्या नहीं है, लेकिन मामला केवल भूमि के उचित मूल्य का है.
कंगना रणौत के बयानों पर:
मुख्यमंत्री ने भाजपा से कंगना रणौत जैसे अपने विवादास्पद सांसदों को नियंत्रित करने के लिए कहा, जो अपने बयानों से देश का माहौल खराब कर रहे हैं.