Punjab: ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों के हितों की रक्षा में नाकाम केंद्र सरकार – मुख्यमंत्री मान – The Hill News

Punjab: ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों के हितों की रक्षा में नाकाम केंद्र सरकार – मुख्यमंत्री मान

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चंडीगढ़, 7 अगस्त: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज पेरिस ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों के हितों की सुरक्षा में नाकाम रहने के लिए केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की है।

मुख्यमंत्री ने आज भारतीय पहलवान विनेश फोगाट के गांव चरखी दादरी में पहुंचकर उनके परिवार से मुलाकात की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह बहुत ही दुखद बात है कि पेरिस में चल रहे ओलंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है लेकिन केंद्र सरकार इस गंभीर मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है। उन्होंने कहा कि फोगाट को ओलंपिक के फाइनल मुकाबले से बाहर कर दिया गया, जबकि उन्होंने सेमीफाइनल तक अन्य देशों की महिला पहलवानों को हराया था और वह ओलंपिक में स्वर्ण पदक की मजबूत दावेदार थीं। इसी तरह हॉकी खिलाड़ियों को बिना किसी गलती के रेड कार्ड दिखाना अनुचित है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह बहुत ही हैरान करने वाली बात है कि भारत सरकार और भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन मूक दर्शक बने हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक तरफ तो केंद्र सरकार ओलंपिक खेलों की मेजबानी करने में सक्षम होने के दम पर बड़े दावे कर रही है जबकि दूसरी तरफ हमारे देश के खिलाड़ियों के हित सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय खिलाड़ियों ने ओलंपिक खेलों के दौरान मिसाल लायक खेल भावना का प्रदर्शन किया लेकिन केंद्र सरकार की गलतियों के कारण वह पदक जीतने से वंचित रह गए हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि अगर किसी खिलाड़ी को 200 ग्राम के वजन के कारण खेल मुकाबले से वंचित रहना पड़े तो फिर कोच, फिजियोथेरेपी और अन्य साधनों के लिए किए जा रहे बड़े खर्चे की क्या तुक बनती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के अधिकारी वहां सिर्फ छुट्टियां मनाने के लिए गए हैं जबकि उन्होंने खिलाड़ियों के हितों की सुरक्षा न करके अपनी जिम्मेदारी से पाला झाड़ा है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार यूक्रेन की जंग रोकने में दखल देने को लेकर हर रोज बड़े दावे कर रही है लेकिन ओलंपिक खेलों के लिए कड़ी मेहनत करने वाले हमारे खिलाड़ियों को लावारिस छोड़ दिया गया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि सारा देश इस वक्त बहादुर लड़की विनेश फोगाट के साथ खड़ा है जो पदक जीतने से इसलिए वंचित रह गई क्योंकि केंद्र सरकार ने उसे अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ अपील करने की परवाह नहीं की।

 

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