वॉशिंगटन, 28 फरवरी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय रूस यात्रा पर अमेरिका और चीन जैसे देशों की नज़र थी। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच पीएम मोदी की यह पहली रूस यात्रा थी। मॉस्को में पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन से गर्मजोशी के साथ मुलाकात की और दोनों नेताओं के बीच रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा हुई। पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध में मारे जा रहे लोगों, खासकर बच्चों पर चिंता जताई और साफ कहा कि वर्तमान समय युद्ध का नहीं है।
अमेरिका ने भारत की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया
पीएम मोदी की रूस यात्रा पर अमेरिका की ओर से प्रतिक्रिया सामने आई है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन-पियरे ने कहा कि अमेरिका का मानना है कि भारत और अमेरिका एक रणनीतिक भागीदार हैं और दोनों देशों के बीच हर मुद्दों पर स्पष्ट बातचीत होती है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन की बात आती है तो भारत सहित सभी देश स्थायी शांति हासिल करने के प्रयासों का समर्थन करते हैं।
अमेरिका ने भारत की क्षमता को मान्यता दी
जीन-पियरे ने कहा कि अमेरिका का मानना है कि भारत के पास रूस से बातचीत कर युद्ध को रोकने की क्षमता है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि युद्ध को रोकने का आखिरी निर्णय राष्ट्रपति पुतिन के हाथ में है। जीन-पियरे ने कहा, “राष्ट्रपति पुतिन ने युद्ध शुरू किया, और वह युद्ध समाप्त कर सकते हैं।”
भारत ने शांति पर जोर दिया
भारत-रूस के बीच मंगलवार को हुए 22वें शिखर सम्मेलन समारोह में पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध का मुद्दा उठाया। पीएम मोदी ने कहा कि युद्ध में मासूम बच्चों की मौत से हृदय छलनी हो जाता है और यह दर्द बहुत भयानक होता है।
पुतिन को दिया गया स्पष्ट संदेश
पीएम मोदी के बयान को पुतिन को एक स्पष्ट संदेश के रूप में देखा जा रहा है कि बम, बंदूक और युद्ध के मैदान में शांति वार्ता सफल नहीं हो सकती।
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