हल्द्वानी। आखिरकार अंडरवर्ल्ड डान प्रकाश पांडे उर्फ पीपी योगी प्रकाशनाथ बन गया। काठमांडू के नाथ संप्रदाय के आचार्य दंडीनाथ महाराज ने यह दावा जताया है। उन्होंने कहा कि दो महीने पहले अल्मोड़ा जेल के अंदर जेल प्रशासन की निगरानी में प्रकाश पांडे को संन्यास की दीक्षा दिलाई गई। भगवा वस्त्र व कंठा भी पहनाया। दंडीनाथ ने अपने एक्स पर भी इसकी जानकारी साझा की है।
जरायम की दुनिया में कदम रखने के बाद पीपी ने नैनीताल, अल्मोड़ा, हल्द्वानी व रानीखेत में अवैध शराब और लीसा तस्करी की। लेकिन साथ ही कानून का शिंकजा भी कसता गया। इसके बाद उसने मुंबई का रूख कर लिया। मुंबई में रहकर वह डान बनना चाहता था। 90 के दशक में वह मुंबई पहुंच गया। यह वह दौर था, जब देश बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद फैली सांप्रदायिक हिंसा हो रही थी। इस बीच दाउद ने मुंबई में ब्लास्ट करवाये तो दाऊद व छोटा राजन अलग हो गए थे। इसी बीच प्रकाश पांडे उर्फ पीपी की मुलाकात छोटा राजन से हुई और उसके डान बनने का सफर शुरू हो गया था। वर्ष 2010 में पीपी वियतनाम से गिरफ्तार हो गया था। सितारगंज, पौड़ी आदि के बाद वह अल्मोड़ा जेल में बंद है।
17 मार्च को उसने अल्मोड़ा जेल प्रशासन को पत्र लिखकर जीवन में किए अपराधों पर पश्चाताप कर संन्यासी बनने की अनुमति मांगी थी। इधर नाथ संप्रदाय के आचार्य दंडीनाथ महाराज ने फोन पर हुई बात में दावा किया कि 28 मार्च को हर्षण योग युक्त अमृत वेला में जिला जेल पीपी की संन्यास दीक्षा संपन्न हुई। इस दौरान पीपी को भगवा वस्त्र व कंठा धारण कराया गया।
दीक्षा लेने के बाद वह योगी प्रकाशनाथ बन गया। सारे अनुष्ठान जेल प्रशासन की निगरानी में हुए। आचार्य दंडीनाथ महाराज ने इसकी जानकारी अपने एक्स पर भी साझा की है, जिसमें एक फोटो में पशुपति शरणागति परिचय पत्र लिखा है।
योगी बने प्रकाशनाथ की भगवा वस्त्र में फोटो भी है। उनके एक्स पर 286 फालोअर हैं। 272 लोगों को उन्होंने फालो किया है। यह आइडी दंडीनाथ महाराज ही हैंडल कर रहे हैं, इसकी हम पुष्टि नहीं करते है।
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