देहरादून: उत्तराखंड एसटीएफ ने दिल्ली से पांच साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने कारगिल युद्ध में शहीद हुए एक कीर्ति चक्र विजेता कैप्टन के परिजनों से 44 लाख रुपये की ठगी की थी।
ग्रांट बंद होने का दिया झांसा
ठगों ने शहीद के परिजनों को फोन कर बताया कि उनके बेटे की कीर्ति चक्र ग्रांट बंद कर दी गई है, और इसे दोबारा शुरू कराने के लिए उन्हें कुछ रकम जमा करनी होगी। उन्होंने खुद को सैनिक कल्याण बोर्ड और रक्षा मंत्रालय का अधिकारी बताकर परिजनों का विश्वास जीता।
प्रोसेसिंग फीस के नाम पर ठगी
विभिन्न प्रोसेसिंग फीस और शुल्क के नाम पर ठगों ने परिजनों से कुल 44 लाख रुपये अपने खातों में जमा करा लिए। जब ग्रांट की राशि उनके खाते में नहीं आई तो परिजनों को ठगी का एहसास हुआ और उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
एसटीएफ ने की कार्रवाई
मामले की जांच के बाद एसटीएफ ने दिल्ली के लक्ष्मीनगर इलाके से पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया। उनके पास से 20 मोबाइल फोन, 2 लैपटॉप, 42 डेबिट कार्ड, 15 फर्जी पहचान पत्र बरामद हुए हैं।
देश भर में फैला है नेटवर्क
पुलिस के मुताबिक, इन ठगों का नेटवर्क देश भर में फैला हुआ है और उनके पास कारगिल युद्ध के शहीदों के परिवारों की सूची है। वे इन परिवारों को फोन कर ग्रांट बंद होने और दोबारा शुरू करने का झांसा देकर ठगी करते हैं।
पुलिस ने दी चेतावनी
पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसे किसी भी फोन कॉल पर विश्वास न करें और किसी भी तरह की जानकारी या पैसे देने से पहले संबंधित विभाग से संपर्क करें।
शहीदों के परिजनों के साथ धोखाधड़ी की कड़ी निंदा
इस घटना की चारों ओर कड़ी निंदा हो रही है। लोगों का कहना है कि शहीदों के परिजनों के साथ इस तरह की धोखाधड़ी करना बेहद शर्मनाक है।
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