- जी.एस.टी में 15.67 प्रतिशत और आबकारी में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज
चंडीगढ़, 6 फरवरीः
पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज यहाँ बताया कि पंजाब की आर्थिकता सही दिशा की तरफ बढ़ रही है और वित्तीय साल 2023-24 के 10 महीनों के दौरान राज्य का वस्तु और सेवा कर ( जी. एस. टी), आबकारी और वेट से प्राप्त राजस्व 30 हज़ार करोड़ के आंकड़े को पार कर गया है। उन्होंने कहा कि इस दौरान जी. एस. टी और आबकारी से प्राप्त राजस्व में वित्तीय साल 2022-23 के मुकाबले क्रमवार 15.67 प्रतिशत और 10 प्रतिशत का विस्तार दर्ज किया गया।
यहाँ जारी प्रैस बयान के द्वारा इस बात का प्रगटावा करते हुये वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि इस साल जनवरी के अंत तक वेट, सी. एस. टी, जी. एस. टी, पी. एस. डी. टी और आबकारी से कुल 31003.14 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त किया है जबकि वित्तीय साल 2022- 23 के दौरान 27342. 84 करोड़ रुपए एकत्रित किये गए थे। उन्होंने कहा कि इस तरह राज्य की तरफ से इस कर राजस्व में 13.39 प्रतिशत का विस्तार दर्ज किया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार राज्य की वित्तीय हालत सुधारने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि मार्च 2022 में ’आप’ की सरकार बनने के बाद राज्य ने बेहतर योजनाबंदी और प्रभावी अमल के साथ रिकार्ड राजस्व एकत्रित करने में सफलता हासिल की है। उन्होंने कहा कि चालू वित्तीय साल के 10 महीनों में जी. एस. टी से 17354. 26 करोड़ रुपए शुद्ध राजस्व और आबकारी से 7370. 49 करोड़ रुपए का शुद्ध राजस्व एकत्रित किया गया।
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के मुकाबले इस वर्ष जी. एस. टी में 2351.12 करोड़ रुपए और आबकारी से प्राप्त राजस्व में 669. 47 करोड़ रुपए का विस्तार दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि इसी दौरान राज्य ने वेट में 10. 89 प्रतिशत, सी. एस. टी में 28. 14 प्रतिशत और पी. एस. डी. टी में 5. 53 प्रतिशत विस्तार दर्ज करने में सफलता हासिल की है।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने लोगों पर कोई नया बोझ डाले बिना पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन को यकीनी बना कर यह प्राप्ति हासिल की। उन्होंने कहा कि सरकार ने टैक्स इंटेलिजेंस यूनिट की स्थापना करने के इलावा ’बिल लाओ इनाम पाओ स्कीम’, वन टाईम सेटलमेंट स्कीम, 2023, पंजाब जी. एस. टी संशोधन एक्ट, 2023, सूचना देने वालों के लिए इनाम स्कीम और अन्य बहुत से उपाय किये हैं