बहुचर्चित पुस्तकालय घोटाले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने मामले में सरकार को टेंडर प्रक्रिया से लेकर अब तक का पूरा रिकार्ड आगामी 10 नवंबर तक पेश करने के आदेश दिए हैं। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश आरएस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई। कोर्ट ने कहा है कि अगर राज्य सरकार रिकॉर्ड नहीं उपलब्ध कराती है तो मामले की जांच सीबीआई से कराई जाएगी। वहीं कोर्ट के इस फैसले से प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बता दें 2010 में मदन कौशिक ने विधानसभा में पुस्तकालय बनाएं थे, जिनके निर्माण में हुए घोटालों को लेकर जनहित याचिका दायर की गई थी।