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लखनऊ। उत्तर प्रदेश नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा से बगावत कर निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रहे दो सौ बागियों पार्टी से छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया गया। अब तक पांच सौ से अधिक बागियों को भाजपा ने बाहर का रास्ता दिखाया है।
अवध क्षेत्र के गोंडा में पूर्व जिलाध्यक्ष अकबाल बहादुर तिवारी, कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी व जिला महामंत्री विष्णु प्रताप नारायण सिंह, जिला कार्यसमिति सदस्य राघवराम तिवारी, जिया सिंह व सुमन देवी को पार्टी से निष्कासित किया गया है। इसी तरह कमलेश सिंह कटरा नगर पालिका अध्यक्ष पद पर भाजपा के बागी के रूप में चुनाव लड़ रही हैं। वह भाजपा विधायक बावन सिंह के भाई तिरपन सिंह की पत्नी हैं। कमलेश सिंह को भी पार्टी से निकाल दिया गया है। इसी तरह बलरामपुर जिले के गैसड़ी से भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे युवा मोर्चा जिला उपाध्यक्ष प्रिंस वर्मा, तुलसीपुर से पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ रहीं जिला कार्य समिति सदस्य मुन्नू तिवारी को निष्कासित कर दिया गया है। वहीं, पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ बहू के चुनाव लड़ने के कारण व्यवसायिक प्रकोष्ठ के सह संयोजक बनारसी मोदनवाल को पार्टी से निष्कासित किया है।
भाजपा के पश्चिमी क्षेत्र के अध्यक्ष सतेंद्र सिसौदिया ने नगर पालिका नकुड़ के पूर्व चेयरमैन धनीराम सैनी सहित दस नेताओं को छह वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इनमें जिला कार्यकारिणी के सदस्य अंकित वर्मा, सरसावा के मंडल अध्यक्ष सुशील कांबोज, सरसावा नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन नवीन जैन, सरसावा नगर मंडल के महामंत्री अरविंद पंवार शामिल हैं। इनके साथ ही सरसावा नगर मंडल के महामंत्री रवि कश्यप, चुनाव संयोजक राकेश साहनी, पूर्व सभासद अनुज कांबोज, भाजपा ओबीसी मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश कांबोज, सरसावा के पूर्व सभासद सोनू सैनी को भी निष्कासित किया गया है।
भाजपा ने दूसरे चरण के बागियों और भितरघात करने वालों की सूची भी मांग ली है। जिलाध्यक्षों के जरिये सूची क्षेत्रीय अध्यक्षों तक पहुंच गई है। क्षेत्रीय अध्यक्ष की संस्तुति के बाद प्रदेश स्तर से निष्कासन की मंजूरी दी जाएगी।