केदारनाथ क्षेत्र में समुद्रतल से 14 हजार फीट की ऊंचाई पर इन दिनों दुर्लभ प्रजाति का नील कमल अपनी आभा बिखेर रहा है। विलुप्ति की ओर अग्रसर इस पुष्प के लगभग छह वर्ष बाद इतनी बड़ी तादाद में नजर आने से वन विभाग खासा उत्साहित है। अब उसे उच्च हिमालयी क्षेत्र में विलुप्तप्राय प्रजाति के पुष्प व पौधों के लिए नई संभावनाएं दिखाई दे रही हैं।
पृथ्वी के बढ़ते तापमान और ग्लोबल वार्मिंग का असर जीव-जंतु, पेड़-पौधे, वनस्पति सभी पर पड़ रहा है। खासकर उच्च हिमालयी क्षेत्र में इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। कई पुष्प व पौधे विलुप्ति की कगार पर हैं। इन्हीं में से एक है नील कमल। यह राज्य पुष्प ब्रह्मकमल की तरह दुर्लभ प्रजाति का पुष्प है।