लखनऊ। कवि कुमार विश्वास ने उत्तर प्रदेश विधान परिषद का सदस्य मनोनीत होने से मना कर दिया है। भाजपा की ओर से उन्हें दिए गए प्रस्ताव पर कुमार विश्वास ने हामी नहीं भरी है। उधर, परिषद की छह सीटों पर मनोनयन बीते दस महीने से अटका ही हुआ है।
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उत्तर प्रदेश विधान परिषद में मनोनीत कोटे की छह सीटों में लेखक, कवि, सांस्कृतिक कलाकार सहित अन्य क्षेत्र से लोगों को मनोनीत करने का प्रावधान है। भाजपा और प्रदेश सरकार के उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया कि कुमार विश्वास को एमएलसी नियुक्त करने का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन कुमार ने क्षेत्रीय राजनीति में आने को लेकर दिलचस्पी नहीं दिखाई। उनकी दिलचस्पी राष्ट्रीय राजनीति में है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर दी मांक हू बिकेम चीफ मिनिस्टर, द मांक हू ट्रांसफार्मड उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी पास्ट, प्रजेंट एंड फ्यूचर के लेखक शांतुनू गुप्ता का नाम भी एमएलसी के पैनल में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा के बेटे साकेत मिश्रा का नाम भी पैनल में है। एमएलसी के लिए भोजपुरी गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी का नाम भी पैनल में रहा है। राजनीतिक क्षेत्र से भाजपा के कानपुर-बुंदलेखंड क्षेत्रीय अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह, बृज के क्षेत्रीय अध्यक्ष रजनीकांत माहेश्वरी का नाम भी शामिल है। कुछ नामों पर सहमति नहीं बनने के कारण परिषद में सदस्यों का मनोनयन नहीं हो पा रहा है।