शिमला। वन संरक्षण अधिनियम के तहत फारेस्ट क्लेयरेंस में होने वाली देरी पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चिंता जताई है। वन मंजूरी मामलों में तेजी लाने के लिए उन्होंने एक तंत्र विकसित करने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि अधिनियम राज्य में विकासात्मक परियोजनाओं पर काम जल्द शुरू किया जा सके और निर्धारित समय अवधि के भीतर पूरा किया जा सके। मुख्यमंत्री वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेजों पर्यटन परियोजनाओं शैक्षणिक संस्थानों सड़कों और इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशनों के निर्माण के मामलों में एफसीए मंजूरी की समय-सीमा का पालन किया जाना चाहिए। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को समयबद्ध एफसीए मंजूरी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए ताकि विकास परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जा सके। इससे राज्य के लोगों को लाभ मिले और विकास परियोजनाओं को लागू करने का मार्ग प्रशस्त हो सके।