देहरादून। नकली नोट चलाने वाले दो शातिरों को पुलिस ने देहरादून से गिरफ्तार किया है। दोनों के पास से 500 के 18 नकली नोट मिले हैं। उत्तर प्रदेश के बिजनौर जनपद के रहने वाले दोनों आरोपितों के तार अंतरराज्यीय गिरोह से जुड़े हैं।
नेहरू कालोनी पुलिस क्षेत्राधिकारी अनिल जोशी ने बताया कि बीते बुधवार को मुखबिर से सूचना मिली कि रायपुर क्षेत्र में कुछ संदिग्ध व्यक्ति नकली नोट चला रहे हैं। मुखबिर के बताए हुलिए के अनुसार सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गईं। जिसमें पुलिस टीम ने दो संदिग्ध व्यक्तियों को चिह्नित किया।
गुरुवार को लाडपुर तिराहे के पास से इन दोनों को रोककर तलाशी ली गई तो उनके पास से 18 नकली नोट बरामद हुए। आरोपितों की पहचान अवनीत कुमार निवासी ग्राम खानपुर माधोपुर उर्फ हाजीपुरा थाना मंडावर, जनपद बिजनौर और विनय कुमार निवासी ग्राम रतनपुर थाना मंडावर, जनपद बिजनौर के रूप में हुई। दोनों आरोपितों के विरुद्ध रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
पुलिस पूछताछ में आरोपित अवनीत ने बताया कि उसकी पत्नी बीमार रहती है। जिसके इलाज में काफी पैसे खर्च हो चुके हैं। जिस कारण वह तंगी से जूझ रहा है। उसे इंटरनेट मीडिया के माध्यम से नकली करेंसी की जानकारी मिली। जिस पर उसने साथी विनय से चर्चा की। इसी दौरान उनकी मुलाकात केशव नाम के व्यक्ति से नोएडा के सेक्टर-22 में हुई। केशव ने बताया कि उनका नेटवर्क देश के कई राज्यों में फैला है और उनकी टीम नकली नोट चलाती है।
बताया कि केशव ने उन्हें अलग-अलग राज्यों में नकली करेंसी चलाने के लिए दी। केशव ने उन्हें 500 रुपये के कई नकली नोट दिखाए जो हूबहू असली नोट की तरह थे। उसने एक असली 500 के नोट के बदले उन्हें चार नकली नोट दिए। केशव उन्हें एक बार में 20-21 हजार के मूल्य से अधिक के नकली नोट नहीं दिया करता था। कुछ दिन पहले ही उन्होंने 12 हजार के नकली नोट बिजनौर में चलाए। बाकी बचे नौ हजार लेकर वे देहरादून आ गए, लेकिन यहां पुलिस गश्त के चलते इन नोटों को नहीं खपा सके। वे नकली नोट लेकर राजस्थान जाने की फिराक में थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें दबोच लिया।