देहरादून। देश की आजादी के 75 वर्ष पूरा होने पर इस बार जश्न-ए-आजादी को बड़े महोत्सव के रूप में मनाया जायेगा। इसी कड़ी में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत ‘अगस्त क्रांति’ के उपलक्ष्य में आगामी 9 अगस्त को प्रदेशभर के विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में ‘तिरंगा यात्रा’ निकाली जायेगी, जोकि शिक्षा विभाग के तत्वाधान में आयोजित की जायेगी। राजधानी देहरादून में आयोजित तिरंगा यात्रा में विभिन्न स्कूलों एवं महाविद्यालयों के हजारों छात्र-छात्राएं प्रतिभाग करेंगे, जिसमें स्कॉट गाइड, एनएसएस एवं एनसीसी कैडेट्स की भागीदारी प्रमुख रूप से रहेगी। तिरंगा यात्रा का शुभारम्भ सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे, जिसमें अन्य मंत्री, विधायक एवं जनप्रतिनिधि भी प्रतिभाग करेंगे।
शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने मीडिया को यह जानकारी देते हुये बताया कि देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने उपलक्ष्य में देशभर में स्वाधीनता दिवस को बड़े महोत्सव के तौर पर मनाया जा रहा है। आजादी के इस अमृत महोत्सव को यादगार बनाने एवं प्रत्येक नागरिक में राष्ट् भावना जागृत करने के उद्देश्य से ‘हर घर तिरंगा’ अभियान की शुरूआत की है। इसी कड़ी में ‘अगस्त क्रांति’ के उपलक्ष्य में आगामी 9 अगस्त को प्रदेशभर के विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में ‘तिरंगा यात्रा’ निकाली जायेगी। उन्होंने बताया कि देहरादून में आयोजित तिरंगा यात्रा का शुभारम्भ प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे। डॉ0 रावत ने बताया कि इस यात्रा को विद्यालयी शिक्षा विभाग के तत्वाधान में आयोजित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि देहरादून में आयोजित तिरंगा यात्रा में आसपास के विभिन्न शिक्षण संस्थानों के हजारों छात्र-छात्राएं प्रतिभाग करेंगे, जिसमें स्कॉट गाइड, एनएसएस एवं एनसीसी कैडेट्स की भागीदारी प्रमुख रूप से रहेगी।
तिरंगा यात्रा की तैयारियों के लिये उच्च शिक्षा एवं विद्यालयी शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ0 रावत ने बताया कि तिरंगा यात्रा सुबह आठ बजे परेड़ ग्राउंड से राजपुर रोड़ होते हुये बहल चौक तक निकाली जायेगी, जहां से सुभाष रोड़ होते हुये वापस परेड़ ग्राउंड पहुंचेगी। तिंरगा यात्रा में मंत्री, विधायक एवं जनप्रतिनिधि भी प्रतिभाग करेंगे। गौरतलब हो कि स्वाधीनता आंदोलन के दौरान 9 अगस्त 1942 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अह्वान पर मुम्बई से अगस्त क्रांति आंदोलन की शुरूवात हुई थी। दरअसल द्वितीय विश्व युद्ध में भारतीयों के समर्थन लेने के बावजूद जब अंग्रेज़ भारत को स्वतंत्र करने को तैयार नहीं हुए तो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन के रूप में आजादी की अंतिम जंग का ऐलान कर दिया जिससे ब्रितानिया हुकूमत में दहशत फैल गई। इस आंदोलन ने देश की स्वाधीनता के रास्ते खोल दिये और 15 अगस्त सन् 1947 को हिन्दुस्तान स्वतंत्र हुआ।