मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने शुक्रवार को सचिवालय में राज्य कर विभाग के साथ जीएसटी के सम्बन्ध में बैठक ली। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को स्पॉट वेरिफिकेशन ड्राइव जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए वेरिफिकेशन टीम की संख्या बढ़ाकर अभियान में तेजी लाते हुए पूरे प्रदेश में शुरू किया जाए।
मुख्य सचिव ने राज्य कर के अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि ईमानदार करदाताओं को परेशान न किया जाए परन्तु कर चोरी करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने अपने समानांतर इंटेलिजेंस सिस्टम विकसित कर टैक्स चोरी करने वालों की जानकारी देने वालों को पुरस्कृत किए जाने की बात कही। साथ ही साथ यह भी निर्देश दिये गये कि जिस अधिकारी के क्षेत्र में करापवंचन होता पाया जायेगा उसके विरूद्ध अनुशासनात्मक/दण्डात्मक कार्यवाही की जाय। सभी अधिकारियों की परफार्मेंस रिपोर्ट अधिकारीवार तैयार की जाय और ऐसे अधिकारी, जिनकी परफार्मेंस संतोषजनक नहीं पायी जाती है, के विरूद्ध भी कार्यवाही की जाय। मुख्य सचिव महोदय द्वारा यह भी निर्देश दिये गये कि विभाग की साप्ताहिक समीक्षा की जायेगी।
बैठक के दौरान आयुक्त कर डॉ. अहमद इकबाल ने विभाग में किये जा रहे कार्या के संबंध में प्रस्तुतिकरण दिया गया जिसमें बताया गया कि राज्य क्षे़त्राधिकार के अन्तर्गत कुल एक लाख बारह हजार करदाता पंजीकृत हैं, जिसमें से लगभग 35 हजार ऐसे करदाता हैं जो काफी समय से कोई कर जमा नही कर रहे हैं। आयुक्त कर द्वारा यह भी बताया गया कि मुख्य सचिव महोदय द्वारा पूर्व में दिये गये निर्देशों के क्रम में 7 जुलाई, 2022 से उपरोक्त व्यापारियों के सम्बन्ध में विशेष जांच अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें आतिथि तक कुल चार हजार व्यापारियों की जांच करते हुए रू0 2.13 करोड़ की धनराशि जमा करवायी जा चुकी है। इसके अतिरिक्त कुछ व्यापारियों की गोदामों की जांच भी करवाई गयी है जिसमें रू0 2.25 करोड़ का माल जब्त किया गया है। उक्त कार्यवाही में व्यापार न करने वाली फर्मां पर पंजीयन निरस्तीकरण एवं अर्थदण्ड की कार्यवाही की जा रही है। यह भी अवगत कराया गया कि फर्जी आई0टी0सी0 लेने वाले 04 व्यापारियों के बैंक खाते भी सीज कर दिये गये हैं।