देहरादून। आय से अधिक मामले में उत्तराखंड में गिरफ्तार किए गए आईएएस रामविलास यादव ने उत्तराखंड कॉडर ज्वाइन करने से पहले उत्तर प्रदेश में आकूत संपत्ति जुटाई। रिटायरमेंट के कगार पर पहुंचे रामविलास की संपत्ति उनकी आय से 500 गुणा ज्यादा आंकी गई है। मुलायम सिंह और अखिलेश यादव के करीबी अफसरों में माने जाने वाले रामविलास ने मनचाही पोस्टिंग हासिल कर मोटी कमाई की है। उत्तराखंड विजिलेंस को उनसे पूछताछ के दौरान कई करोडों की संपत्ति का पता चला है। यादव इसी माह 30 मई को रिटायर होने वाले थे, लेकिन उनकी गिरफ्तारी की वजह से उन्हें निलंबित कर दिया है।
उत्तर प्रदेश के 1991 बैच के पीसीएस अधिकारी रहे रामविलास यादव ने यूपी बोर्ड की वर्ष 1979 की इंटरमीडिएट परीक्षा में प्रदेश में छठवां स्थान हासिल कर उन्होंने परिवार के साथ अपने गृह जिले गाजीपुर का नाम भी रोशन किया था। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद उत्तर प्रदेश की प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस) में उनका चयन हुआ। उत्तर प्रदेश में पीसीएस अधिकारी रहते हुए विभिन्न पदों पर तैनाती के दौरान उन्होंने अंधाधुंध कमाई की
इटावा में अपर जिलाधिकारी के पद पर तैनात रहते हुए उनकी सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव से नजदीकियां बढ़ीं। यही वजह थी कि मुलायम सरकार में उन्हें लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) में सचिव जैसे महत्वपूर्ण पद पर तैनाती मिली। लखनऊ विकास प्राधिकरण के कर्मचारियों के बीच आज भी उनके दौर में किए गए स्याह-सफेद की चर्चा होती है।
वहीं, अखिलेश सरकार में वह मंडी परिषद में अपर निदेशक के पद पर तैनात रहे। मंडी परिषद में उनका कार्यकाल भी खासा चर्चित रहा था। बसपा सरकार में संयुक्त निदेशक बचत के पद पर उनका कार्यकाल भी विवादास्पद रहा।
उत्तर प्रदेश में अपनी सेवा के दौरान वह आवास एवं विकास परिषद में अपर आयुक्त के पद पर भी तैनात रहे। नौकरी के शुरुआती वर्षों में ऊरई (जालौन) में एसडीएम के पद पर तैनाती के दौरान वह बीच के अधिकारियों को बाईपास कर भ्रष्ट छवि के तत्कालीन जिलाधिकारी से अपने काम कराने के लिए भी जाने जाते थे।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड गए रामविलास यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत उत्तर प्रदेश सरकार से हुई थी। सरकार ने सतर्कता विभाग से इसकी खुली जांच कराई थी। जांच रिपोर्ट आने से पहले ही रामविलास उत्तराखंड चले गए। उत्तराखंड में वह समाज कल्याण विभाग में अपर सचिव के पद पर तैनात थे।