उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भ्रष्टाचारियों पर कड़ा प्रहार जारी है और इसी के तहत अब गैंगस्टर और भू माफिया यशपाल तोमर योगी के निशाने पर आ गए हैं। यूं तो योगी सरकार की कार्यवाही की चाबुक अब तक कईं भ्रष्ट चेहरों का पर्दा फाश कर चुकी है लेकिन इस बार मामले के तार उत्तराखंड के कईं बड़े नामों को जांच की कतार मे खड़ा करते नजर आ रहे हैं। आखिर गैंगस्टर यशपाल तोमर से जुड़ा ये कौन सा मामला है जिसमे उत्तराखंड की ब्यूरोक्रेसी में भूचाल मचा दिया है।
दरअसल – यूपी पुलिस ने ग्रेटर नोएडा के चिटहेरा गांव में अनुसूचित जाति को लोगों को आवंटित भूमि पट्टों का बड़ा खेल उजागर किया है। गांव में पट्टों की जमीन के क्रय-विक्रय में नियमों को ताक पर रखा गया था। अपर जिलाधिकारी वंदिता श्रीवास्तव की जांच में इसका खुलासा हुआ है। जांच के आधार पर चिटहेरा गांव के लेखपाल शीतला प्रसाद ने भूमाफिया यशपाल तोमर समेत कुल नौ लोगों के खिलाफ शनिवार को दादरी कोतवाली में मामला दर्ज कराया। मामले में नामजद तीन लोग उत्तराखंड के तीन नौकरशाहों के परिवार से हैं। ये खुलासा चौंकाने वाला है लेकिन सत्य है कि अनुसूचित जाति की जमीनों के साथ हुए अवैध खेल में तीन नौकरशाहों के रिश्तेदार भी शामिल थे। आरोपियों में एक आईएएस अफसर का ससुर, एक आईएएस के पिता और आईपीएस की मां नामजद है। नामों के खुलासे हुए तो पैरों तले जमीं खिसक गई…
जानकारी के मुताबिक इस पूरे प्रकरण में बतौर आरोपी पहला नाम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सचिव आईएएस आर मिनाक्षी सुंदरम के ससुर एम भास्करण का है। मिनाक्षी प्रभावीशाली ब्यूरोक्रेट्स में शामिल हैं। उनके ससुर यूं तो चैन्नई के मूल निवाली हैं, लेकिन उन्हीं के साथ देहरादून रहते हैं।
दूसरा नाम है प्रभारी सचिव ब्रिजेश संत के पिता केएम संत उर्फ खचरेमल। ब्रिजेश के पिता केएम भी आईएएस रहे हैं और अलीगढ़ के रहने वाले हैं।
वहीं तीसरे आरोपी हैं डीआईजी राजीव स्वरूप की माता सरस्वति देवी हैं। सरस्वति देवी बिहार की रहने वाली हैं।
आपको बता दें कि गैंगस्टर यशपाल तोमर का हरिद्वार में अवैध जमीनों और भूमि कब्जाने का गिरोह चलता था। तोमर पर बीते दिनों 13 मई को उत्तराखंड एसटीएफ ने चार मुकदमे कायम कर 153 करोड़ की संपत्ति कुर्क करने का एक्शन लिया था। इसी तोमर की हरिद्वार में तैनात रहे अफसरों से करीबी सांठगांठ रही है। बताया जा रहा है कि बड़े अफसरों से मिलकर यह सारा खेल रचता था।
अब अगर आप सोच रहे हैं कि कैसे तोमर के उत्तराखंड के अफसरों से तार जुड़ रहे हैं तो वो भी बता दें-
असल में सचिव आर मिनाक्षी सुंदरम हरिद्वार के डीएम रहे हैं। ब्रिजेश संत भी हरिद्वार में सीडीओ रहे हैं जबकि उनके पिता केएम संत अविभाजित उत्तर प्रदेश में हरिद्वार के डीएम रहे हैं। डीआईजी राजीव स्वरूप की माता सरस्वति देवी भी आरोपी हैं। राजीव स्वरूप भी हरिद्वार में दो दफा एसएसपी रहे हैं। मामले मे अब पुलिस इस बात की जांच में जुटी है कि यशपाल तोमर इन नौकरशाहों के संपर्क में कैसे आया। चूंकि जमीनें नौकरशाहों के नाम नहीं बल्कि परिवार के सदस्यों के नाम पर हैं, ऐसे में परिवारजन ही बताएंगे कि वह यशपाल के संपर्क में कैसे आए.?