भले ही हरक सिंह रावत ने सीधे तौर पर आरोप लगाया कि ढेंचा बीज घोटाले में हरीश रावत पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को जेल भेजना चाहते थे और इसके लिए उन पर लगातार दबाव बनाया गया लेकिन हरक सिंह रावत ने साफ तौर पर कहा कि उन्होंने हरीश रावत की बात नहीं मानी और त्रिवेंद्र सिंह रावत को क्लीन चिट देने का काम किया वही अब जब हरीश रावत से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने साफ तौर पर हरक सिंह रावत के बयान को खारिज कर दिया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जब त्रिपाठी आयोग ने अपनी रिपोर्ट दी तब वह एम्स में अपनी जिंदगी और मौत के बीच लड़ाई लड़ रहे थे ऐसे में उनके पास किसी को जेल भेजने का समय ही नहीं था लेकिन कुछ समय बाद जब मेरे पास फाइल आई तो मैंने उसमें पाया कि बहुत ही पुख्ता प्रमाण उसमें नहीं थे उन्होंने साफ तौर पर कहा कि राजनीतिक समय में कुछ ऐसे फैसले हो जाते हैं जिसमें आप की संलिप्तता नहीं होती लेकिन फिर भी वह फैसले हो जाते हैं ऐसे में भेजा बीज घोटाले को लेकर मैंने साफ तौर पर कहा था कि मुख्यमंत्री मंत्री और सचिव कि इसमें कोई संलिप्तता दिखाई नहीं देती है इसलिए मैंने उस पर बहुत ज्यादा तवज्जो नहीं दी।